नगर पालिका प्रशासन मूल बजट 2024-25 को कराना चाहती है पास लेकिन अधिकांश सदस्य पिछली कार्यवाही सहित टेक्सी स्टैंड ठेका नीलामी पर पहले चाहते है जवाब
अम्बेडकरनगर (रिपोर्ट: आलम खान- एडिटर इन चीफ/मान्यता प्राप्त पत्रकार) गत दिनों टाण्डा नगर पालिका की बोर्ड बैठक में हुए जमकर हंगामे के मामले में ईओ व चेयरमैन की तहरीर पर पुलिस में विभिन्न धाराओं में तीन सभासदों के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर लिया। बोर्ड के अंदर हुए मामले को कोतवाली तक ले जाने से अधिकांश सभासद नाराज़ दिखाई दे रहे हैं। उक्त तीन सभासदों के अलावा 13 सभासदों ने आईजीआरएस के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री से न्याय की गोहार लगाई है।
टाण्डा नगर क्षेत्र में चर्चा है कि नगर पालिका प्रशासन तीन सभासदों पर मुकदमा दर्ज करा कर अन्य सदस्यों पर दबाव बनाना चाहती है लेकिन लगभग डेढ़ दर्जन सभासद इस बात से आक्रोशित है कि सदन के अंदर की घटना को कोतवाली तक ले जाने की शुरुआत कर उन पर मानसिक दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
बताते चलेंकि टाण्डा नगर पालिका प्रशासन द्वारा जारी वित्तीय वर्ष के मूल बजट का प्रस्ताव कई बार पेश किया गया लेकिन अधिकांश सभासदों ने बजट पास करने से पहले नगर के विकास के लगभग वक दर्जन मुद्दों पर स्वीकृत चाहते थे जबकि नगर पालिका प्रशासन किसी भी कीमत पर पहले बजट पास कराना चाहता था जिसके कारण 08 सदस्य नगर पालिका के पक्ष में व लगभग डेढ़ दर्जन सदस्य विरोध में आमने सामने हो गए। गत 20 अगस्त को बोर्ड बैठक में दो महिला सदस्यों सहित कुल 08 सदस्य ही मौजूद रहे जिसके कारण बोर्ड का कोरम पूरा नहीं हो सका था और चेयरमैन द्वारा 22 अगस्त को पुनः उन्हीं बिंदुओं पर बोर्ड बुला लिया गया। बोर्ड स्थगित होने के बाद नाराज़ सदस्यों से नगर पालिका ईओ डॉ आशीष सिंह ने घंटों वार्ता किया और दूसरे दिन चेयरमैन व ईओ के समक्ष नाराज़ सदस्यों की घंटों बातचीत हुई और 22 अगस्त के बोर्ड में शामिल होने के लिए नाराज़ सदस्यों ने सहमति प्रकट किया।
22 अगस्त को पूर्व निर्धित समयानुसार दोपहर 02 बजे बोर्ड बैठक शुरू हुई जिसमें 24 सदस्यगण मौजूद रहे। विशेष प्रस्ताव मूल बजट 2024-25 पर चर्चा शुरू हुई तो नाराज़ सदस्यों से बजट से पहले 09 बिंदुओं को जारी बोर्ड में शामिल करने के साथ टेक्सी स्टैंड ठेका नीलामी में विलंब होने का कारण पूंछा तो नगर पालिका चेयरमैन आक्रोशित हो गई जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
नाराज़ सदस्यों की मांग का अधिकांश सदस्यों ने ध्वनिमत से स्वीकृत दिया लेकिन इस बीच चेयरमैन के समर्थक सदस्यों व नाराज़ सदस्यों के बीच जमकर हंगामा होने लगा और दोनों गुटों में जमकर हाथापाई भी हुई तो इस दौरान चेयरमैन व ईओ ने सदन को छोड़ दिया लेकिन भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे टाण्डा कोतवाली के एसएसआई वेद प्रकाश यादव ने समझा बुझा कर पुनः बोर्ड शुरू कराया।
22 अगस्त की बोर्ड बैठक में हुए हंगामे की कई वीडियों सोशल मीडिया पर वायरल हुई। नगर पालिका प्रशासन द्वारा सीसीटीवी फुटेज को भी वायरल किया गया जिसमें सम्मानित सभासदों की भिड़ंत हुई थी। उक्त घटना क्रम को जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने संज्ञान में लेकर नगर पालिका ईओ को जांच सौंपा। सभासदों द्वारा ईओ व अध्यक्ष को भी पार्टी बनाया जा रहा था लेकिन जांच ईओ को ही मिलने से नाराज़ सदस्यों में आक्रोश बढ़ गया। ईओ डॉ आशीष सिंह की तहरीर पर टाण्डा कोतवाली पुलिस ने जमाल कामिल, मो.ज़ाहिद छोटू व मो.नसीम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया। मुकदमा दर्ज होने से अधिकांश सदस्य नाराज़ हो गए।
सभासद दशरथ मांझी के नेतृत्व में 13 सदस्यों द्वारा आईजीआरएस कर पूरे घटना क्रम की सक्षम अधिकारी से जांच कराने की मांग सूबे के मुख्यमंत्री से किया है। उक्त आईजीआरएस में आरोपित तीनों सदस्यों का नाम नहीं है जिससे स्पष्ट हो रहा है कि नाराज़ सदस्यों की संख्या लगभग डेढ़ दर्जन है।