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अवसाद के संकेतों को समय से पहचान लेने पर किया जा सकता है सफल इलाज : डॉ फौजिया

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जलालपुर सीएचसी पर आयोजित हुआ राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम

अम्बेडकरनगर (रिपोर्ट: गोपाल सोनकर जलालपुर) सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जलालपुर के प्रांगण में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अधीक्षक डॉ. जयप्रकाश ने किया। इस अवसर पर जिले से पधारीं डा. फौजिया शरीफ ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।
डा. फौजिया ने कहा कि अनजाना भय, चिड़चिड़ापन, हाथों में कंपन, अंधेरे या भीड़ में भय, नींद में कमी, और एकाग्रता में गिरावट जैसे लक्षण मानसिक अस्वस्थता के संकेत हैं। उन्होंने बताया कि समय पर पहचान और उपचार से इन समस्याओं से पूरी तरह से छुटकारा पाया जा सकता है।

कार्यक्रम के दौरान डॉ. जयप्रकाश ने एंजायटी डिसऑर्डर के लक्षणों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, “यदि कोई व्यक्ति बार-बार एक ही विचार में उलझा रहता है, उसे रोकने की कोशिश करता है लेकिन सफल नहीं हो पाता, तो यह चिंता विकार का लक्षण हो सकता है, जिसका इलाज पूरी तरह संभव है।” वहीं कार्यक्रम में उपस्थित नोडल अधिकारी डॉ. कृष्ण यादव ने अवसाद (डिप्रेशन) के लक्षणों की पहचान कराते हुए कहा, “लगातार उदासी, पश्चाताप की भावना, निराशा, सुबह उठने की इच्छा में कमी, या रोने की भावना, यह सभी अवसाद के संकेत हैं। उपचार से यह सब ठीक किया जा सकता है। स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अनिल त्रिपाठी ने मानसिक स्वास्थ्य के सामाजिक पक्ष को उजागर करते हुए कहा कि “आजकल लोग जीवन की जिम्मेदारियों में इतने उलझे रहते हैं कि मानसिक रूप से बीमार होने पर भी वे इसे स्वीकार नहीं करते। जबकि जिला अस्पताल सहित अन्य चिकित्सा संस्थानों में इसका समुचित और सुलभ इलाज मौजूद है।

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