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कद्दावर नेताओं ने अपनी राजनीतिक कूटनीति का दिया परिचय – सपा का फहराया पताका

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अम्बेडकरनगर (रिपोर्ट: आलम खान एडिटर) बहुजन समाज पार्टी को दरकिनार कर सपा का दामन थामने वाले चारों दिग्गज़ नेताओं ने जहां अपनी राजनीतिक कूटनीति का परिचय देते हुए सफलता प्राप्त कोया वहीं सपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री ने भी दूसरी विधान सभा से ऐतिहासिक जीत दर्ज करा कर जनपद को सपामय कर दिया है। समाजवादी पार्टी ने 10 वर्षो के बाद सभी विधान सभा पर अपना पताका फहराने का काम किया है।


278 टाण्डा विधान सभा क्षेत्र से सपा प्रत्याशी राममूर्ति वर्मा ने अपने निकटतम भाजपा प्रत्याशी कपिलदेव वर्मा को मात दिया है जबकि बसपा प्रत्याशी शबाना खातून तीसरे नंबर पर रही। श्री राममूर्ति 2012 में अकबरपुर विधान सभा से चुनाव जीते थे तथा तत्कालीन सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे और 2017 में अकबरपुर से बसपा प्रत्याशी रहे राम अचल राजभर से चुनाव हार गए थे। मौजूदा समय में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर टाण्डा से चुनाव लड़ रहे थे और उन्होंने मात्र अपना राजनीतिक कैरियर ही नहीं बचाया बल्कि जनपद में सपा का झंडा बुलंद कर सपा के विश्वास पर खरा उतरने का काम किया है।
टाण्डा विधान सभा क्षेत्र से सपा प्रत्याशी राममूर्ति वर्मा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कराते हुए 95263 मत प्राप्त किया है जबकि भाजपा के कपिलदेव वर्मा को 63166 व बसपा की शबाना खातून को 45222 मत प्राप्त हुए हैं। एआईएमआईएम के इरफान पठान ने जहां 7442 मत प्राप्त किये हैं वहीं कांग्रेस के मेराजुद्दीन को मात्र 1972 मत मिला है। नोटा ने जहां 1211 मत प्राप्त हुआ है।
कटेहरी विधान सभा के विधायक लालाजी वर्मा व अकबरपुर के विधायक राम अचल राजभर ने पुनः अपनी अपनी सीट बचाने में बड़ी सफलता प्राप्त किया है। बसपा के कद्दावर नेताओं में शुमार लालजी वर्मा व राम अचल राजभर बसपा से विधायक थे और दोनों ने गत दिनों समाजवादी पार्टी की सदस्यता लिया था। राजनीतिक गलियारों में लालाजी वर्मा व राम अचल राजभर को बड़ा खिलाड़ी कहा जाता है और यही कारण रहा कि पार्टी बदलने के बावजूद दोनों नेताओं ने अपनी राजनीतिक कूटनीति का परिचय देते हुए पुनः सफलता प्राप्त किया है।
280 जलालपुर से सपा प्रत्याशी राकेश पांडेय ने अपने निकटतम बसपा प्रत्याशी राजेश सिंह को 12 हज़ार से अधिक मतों से पराजित कर दिया है हालांकि मौजूदा विधायक सुभाष राय भाजपा से किस्तम आजम रहे थे लेकिन वो तीसरे स्थान पर पहुंच गए है। श्री पांडेय 2009 में बसपा से सांसद रह चुके हैं और मौजूदा समय मे उनके पुत्र रितेश पांडेय भी बसपा से सांसद हैं लेकिन श्री राकेश ने इस बार समाजवादी पार्टी से जलालपुर विधान सभा से एमएलसी का चुनाव लड़ रहे थे और अपनी राजनीतिक कूटनीति का परिचय देते हुए विजय श्री का पताका फहराने में सफलता प्राप्त किया है।
आलापुर सुरक्षित सीट से सपा प्रत्याशी त्रिभुवन दत्त ने भी सफलता प्राप्त कर सपा के खाते में आलापुर सुरक्षित सीट देने का काम किया है। बसपा से सांसद रहे त्रिभुवन दत्त को जमीनी नेता कहा जाता है जिसके कारण ही बसपा छोड़ सपा में शामिल होने के बाद भी अपना किला बचाने में पूरी तरह सफल नज़र आये।

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