अम्बेडकरनगर (रिपोर्ट: आलम खान मान्यता प्राप्त पत्रकार) औद्योगिक बुनकर नगरी टाण्डा के बहचर्चित मासूम छात्र डोकोमो हत्याकाण्ड का 09वें दिन भी खुलासा नहीं किया जा सका और इन दिनों में परिजनों ही नहीं बल्कि चारों तरफ से स्थानीय पुलिस पर हत्याकांड का पर्दाफाश करने का दबाव बनाया जाता रहा लेकिन दबाव को नज़र अंदाज़ कर कोतवाली पुलिस किसी को हत्याकांड का फ़र्ज़ी मुलजिम बनाने को तैयार नहीं है जिसकी क्षेत्र में सराहना हो रही है।
शव मिलने के दिन ही पुलिस कप्तान आलोक प्रियदर्शी ने घटना स्थल का निरीक्षण करते हुए कोतवाली निरीक्षक विजेन्द्र शर्मा को हत्याकांड का सही पर्दाफाश करने का निर्देश दिया था। कोतवाली निरीक्षक श्री शर्मा ने भी ठान लिया है कि सुभाष उर्फ डोकोमो हत्याकांड में फ़र्ज़ी खुलासा नहीं करेंगे बल्कि सही अभियुक्त को जेल की सलाखों के पीछे भेजेंगे। सूत्रों के अनुसार पुलिस पर पीड़ित के परिजनों का ही नहीं बल्कि कई राजनीतिक दबाव भी पड़ा कि घटना का पर्दाफाश कर दें और जिन तीन घरों में डॉग स्क्वॉयड टीम पहुंची थी उन्हें ही जेल भेज दिया जाए लेकिन उन लोगों की हत्याकांड से सटीक कड़ी ना मिलने के कारण इंस्पेक्टर श्री शर्मा ने उन्हें फ़र्ज़ी जेल भेजने से इनकार कर दिया और दूसरी तरफ पीड़ित परिवार से चल रहे एक भूमि विवाद प्रकरण पर भी पुलिस ने विपक्षियों से पूंछतांछ किया लेकिन कोई खास मामला सामने ना आने के कारण उन्हें भी जेल भेजने से इनकार कर दिया। कोतवाली पुलिस ने दर्जनों लोगों को उक्त मामले में संदिग्ध मानते हुए अपने स्तर से पूंछतांछ किया लेकिन मामला नहीं खुल सका।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार अब पुलिस जांच का रुख बदल कर सुभाष के परिजनों व काफी करीबी लोगों से पूंछतांछ करना चाहती है लेकिन उन्हें सहयोग नहीं मिल पा रहा है। क्षेत्र में भी चर्चा चल रही है कि पारिवारिक मामला भी हो सकता है। पुलिस सूत्रों के अनुसार उक्त मामले का पर्दाफाश करने के लिए एसओजी टीम को भी लगा दिया गया है।
बताते चलेंकि टाण्डा कोतवाली क्षेत्र के मोहल्लाह सकरावल पूर्व निवासी 13 वर्षीय कक्षा 7 के छात्र सुभाष उर्फ डोकोमो का शव 03 दिसम्बर को घर से मात्र चन्द कदम की दूरी पर स्थित घनी झाड़ियों में मिला था जबकि मासूम छात्र सुभाष 23 नवम्बर को रहस्यमय ढंग से लापता हो गया था जिस सम्बन्ध में पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज करते हुए शव मिलने वाले स्थान पर भी तलाश किया था। शव की दिनों का पुराना प्रतीत हो रहा था जिसकी पोस्टमार्टम में सर पर गंभीर चोट लगने से मौत होने की पुष्टि तथा शव लगभग एक सप्ताह का होना बताया गया है। परिजनों द्वारा कोतवाली घेराव कर हत्याकांड का शीघ्र पर्दाफाश करने की मांग के साथ पुलिस पर राजनीतिक दबाव भी पड़ रहा है लेकिन कोतवाली निरीक्षक विजेन्द्र शर्मा ने गलत खुलासा व हत्याकांड जैसे गंभीर मामले में किसी को फ़र्ज़ी जेल भेजने से इनकार करते नज़र आ रहे हैं जिसकी क्षेत्र में खूब सराहना हो रही है।