अम्बेडकरनगर: रविवार की देर शाम टाण्डा नगर क्षेत्र के मोहल्लाह कस्बा पश्चिम निवासी एक युवक की लखनऊ में कोरोना रिपोर्ट पास्टिव आने से हड़कम्प मच गया था और प्रशासन ने सोमवार को उसके परिजनों के 18 लोगों का सैम्पल जांच के लिए भेजते हुए आसपास के क्षेत्र को सील कर दिया था लेकिन मंगलवार को पता चला कि पास्टिव रिपोर्ट ही गलत आ गई थी जिसके बाद परिजनों सहित प्रशासन ने राहत की सांस लिया है।
आपको बताते चलेंकि अलीगंज थाना क्षेत्र के टाण्डा नगर में स्थित कस्बा पुलिस चौकी के पास रहने वाले अहमद नवाजुल हसन इनाम मार्च माह में दुबई से अपने घर आये थे और गत 6 जुलाई को दुबई जाने के लिए टाण्डा से लखनऊ चले गए थे तथा लखनऊ में ही 11 जुलाई को कोरोना जांच कराई जिसकी रिपोर्ट 12 जुलाई को आई और उक्त रिपोर्ट में नवाजुल हसन को कोरोना पास्टिव बताया गया हालांकि नवाज़ को कोई दिक्कत नहीं थी और ना ही कोई लक्षण नजर आ रहा था। लखनऊ स्वास्थ विभाग द्वारा उक्त रिपोर्ट ऑनलाइन जिला प्रशासन को भेजने के बाद टाण्डा नगर में हड़कंप मच गया था और आननफानन में स्वास्थ्य विभाग ने नवाजुल हसन के परिवार के 18 लोगों का सैम्पल जांच के लिए भेजा। अपने लखनऊ आवास पर रह रहे नवाजुल हसन ने चरक डाइग्नोस्टिक सेंटर में 14 जुलाई की सुबह को पुनः सैम्पल देकर जांच कराई जिसकी रिपोर्ट 14 जुलाई की ही देर शाम निगेटिव आई है। लखबऊ से जनपद में आई रिपोर्ट में सबसे हैरान करने वाली बात ये थी कि नवाजुल हैं ने 11 जुलाई को जांच कराया था लेकिन डाइग्नोस्टिक सेंटर ने जो रिपोर्ट भेजी थी उसमें 10 जुलाई को जांच करने की बात कहीं गई थी जिसके कारण चरक डाइग्नोस्टिक सेंटर में नवाजुल हसन की पुनः जांच कराई गई।
बहरहाल डाइग्नोस्टिक सेंटर द्वारा अहमद नवाजुल हसन इनाम की गलत रिपोर्ट देने के कारण परिजनों व रिश्तेदारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा हालांकि नवाजुल की रिपोर्ट निगेटिव आने से जहां परिजनों, रिश्तेदारों व मोहल्लाह वासियों ने राहत की सांस लिया है वहीं प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें भी कम हो गई है।
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