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मंदिर की भूमि को आबादी दिखा कर किया गया बैनामा – निर्माण कार्य जारी

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अम्बेडकरनगर: पवित्र घाघरा नदी के किनारे स्थित मंदिर के नाम वक्फ शुदा भूमि को आबादी दिखा कर ट्रस्टी ने धन लेकर बैनामा कर दिया जिस पर निर्माण कार्य जारी है हालांकि ट्रस्टी को उक्त मंदिर की भूमि को बेचने का कोई अधिकार प्राप्त नहीं है। जगदीश नारायण खत्री पुत्र यमुना प्रसाद खत्री के प्रार्थना पत्र पर टाण्डा उपजिलाधिकारी अभिषेक पाठक ने टाण्डा नगर पालिका परिषद को निर्देश देते हुए कहा कि स्थलीय निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट दें।नगर पालिका टीम द्वारा उप जिलाधिकारी को भेजी गई अपनी जांच रिपोर्ट में बताया कि टाण्डा नगर पालिका परिषद में उपलब्ध अभिलेखों में प्रश्नगत ट्रस्ट गाटा संख्या 2090 सम्पूर्ण रकबा 6 बिस्वा 4 बिस्वांसी 3 कचवांसी में से 9 बिस्वांसी 10 कचवांसी ठाकुर जी महराज के नाम, तथा 19 बिस्वांसी 13 कचवांसी राम निरंजन, चन्द्रदेव, नानकचंद पुत्रगण राम गरीब के नाम दर्ज है तथा शेष 4 बिस्वा 5 बिस्वांसी बलभद्र प्रसाद के पिता बेनी प्रसाद वल्द राम बख्श खत्री के नाम दर्ज है। बलभद्र प्रसाद द्वारा सन् 1956 में अपनी सम्पूर्ण सम्पत्ति को धार्मिक कार्य हेतु श्री ठाकुरराम जी महाराज के नाम वक्फ करते हुए पांच व्यक्तियों क्रमशः राम रघुवीर सहाय वकील, सुरेन्द्रनाथ कपूर, जय नारायण कपूर, मनोहर लाल टण्डन व पंडित राम कुबेर को ट्रस्टी इस शर्त के साथ बनाया कि हमारे मरने के बाद उपरोक्त पांच व्यक्तियों द्वारा उक्त ट्रस्ट की देखभाल व ठाकुर जी की ‘दिया बत्ती’ आदि करेगा और हमारी जायदाद की आय से ठाकुर जी के ट्रस्ट एवं मंदिर के खर्च का हवन पूजन आदि खर्च करते रहेंगे और अगर कमेटी में से किसी मेम्बर मृत्यु हो जाती है अथवा नहीं रहता है तो शेष मेम्बरान द्वारा किसी दूसरे योग्य व्यक्ति को चुन लिया जायेगा। उपरोक्त के अलावा यदि कोई व्यक्ति उक्त जायदाद पर दावेदार होने का दावा करता है तो दावा उसका नजदीक अदालत शून्य समझा जावे। नगर पालिका टीम ने बताया कि पूछताछ व जांच से पता चला कि बलभद्र प्रसाद द्वारा बनाये गये ट्रस्ट में रघुवीर सहाय वकील के स्थान पर सुरेश कुमार भल्ला चुने गये व राम कुबेर के स्थान पर जगदीश नरायण खत्री चुने गये जो इस समय जीवित सदस्य हैं। जय नरायण कपूर व मनोहर लाल टण्डन की मृत्यु हो गयी है। सुरेन्द्रनाथ कपूर के स्थान पर शम्भूनाथ चुने गये थे, परन्तु उन्होंने त्याग पत्र दे दिया। इस प्रकार बलभद्र प्रसाद द्वारा अपनी सम्पूर्ण सम्पत्ति मय मंदिर कुआं दान कर जो ट्रस्ट व ट्रस्टी बनाया था, उस ट्रस्ट के ट्रस्टी के रूप में केवल सुरेश कुमार भल्ला व जगदीश नरायण खत्री ही मौजूद है। जांच टीम ने बताया कि उपलब्ध दस्तावेजों से स्पष्ट हो रहा है कि सुरेश कुमार भल्ला द्वारा 04 जून 2020 का एक अलग ट्रस्ट बनाया जिसमें स्वयं के साथ अपने पुत्र वैभव भल्ला व भतीजा डॉक्टर गौरव भल्ला पुत्र राम गोपाल भल्ला के नाम ट्रस्ट बनाकर दिनांक 16 जुलाई 2020 को भूखण्ड संख्या 2090 के पश्चिम दूसरा भूखण्ड संख्या 2060, रकबा 3 बिस्वा 14 बिस्वांसी 15 कचवांसी जो सरकारी अभिलेखों में ठाकुरद्वारा मौसूहा सदावर्ती ” के नाम नगर पालिका अभिलेख में दर्ज है।सुरेश कुमार भल्ला का नाम भूखण्ड संख्या 2060 पर इन्द्राज नहीं है, भूखण्ड संख्या 2060 की चौहद्दी वर्तमान स्थिति के अनुसार पूरब श्री ठाकुर जी सालिग राम, पश्चिम जमीन मंदिर ठाकुर सालिग राम, (जिस पर वर्तमान कब्जा अंकित अग्रवाल) उत्तर बागीचा (नजूल मजरूआ) गाटा संख्या 2057, दक्षिण मकान बृजेश अग्रवाल स्थित है। सुरेश कुमार भल्ला द्वारा ट्रस्ट ठाकुरद्वारा मौसूहा सदावर्ती (मंदिर की भूमि) को आबादी दर्शाकर महेश चन्द अग्रवाल पुत्र गिरीशचन्द अग्रवाल को बैनामा किया गया है, और क्रेता महेश चन्द अग्रवाल द्वारा क्रय की गयी ठाकुरद्वारा मौसूहा सदावर्ती की भूमि पर निर्माण कराया जा रहा है। जांच रिपोर्ट के साथ नगर पालिका ने अभिलेख की प्रमाणित प्रति व भू मानचित्र की छायाप्रति संलग्न किया है।

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