वक़्फ़ संपत्तियों को उम्मीद पोर्टल पर चढ़वाने में टाण्डा के शाहनवाज़ बज़्मी कर रहे हैं बड़ी मदद
अम्बेडकरनगर: वक्फ बोर्ड भारत का तीसरा सबसे बड़ा भूस्वामी है, लेकिन संपत्तियों का बिखराव होने के कारण समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। वक्फ की बहुत सी संपत्तियां बोर्ड में भी पंजीयन नहीं है जबकि जो पंजीयन भी है उनका सदुपयोग नहीं हो पा रहा है। सभी संपत्तियों की रक्षा व सदुपयोग के लिए उम्मीद पोर्टल पर पंजीयन कराना है।
केंद्र सरकार ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के तहत सभी पंजीकृत वक्फ संपत्तियों को उम्मीद पोर्टल पर पंजीकृत करना अनिवार्य कर दिया है। अम्बेडकर नगर में काफी वक्फ की संपत्तियां हैं मगर अभी तक मात्र 10 से 12 प्रतिशत ही उम्मीद पोर्टल पर दर्ज हो सकी है।
वक्फ सम्पतियों को उम्मीद पोर्टल पर चढ़वाने में निःशुल्क सराहनीय सहयोग करने वाले समाजसेवी शाहनवाज़ बज़्मी ने बताया कि 3500 से 4000 के बीच संपतियां हैं मगर अभी तक मात्र 388 सम्पतियों को ही पोर्टल पर चढ़ाया गया है। श्री बज़्मी ने बताया कि पोर्टल में कई खामियां है, पहले तो टाण्डा का नाम ही नहीं शो हो रहा था लेकिन अब जब नाम शो कर रहा है तो लोग जागरूक नहीं हैं जबकि 05 दिसम्बर आखिरी तारीख है और पोर्टल काफी स्लो चल रहा है जिससे भविष्य में काफी बड़ा नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि किसी को भी वक्फ सम्पति को उम्मीद पोर्टल पर चढ़वाने के लिए मदद चाहिए तो टाण्डा राजघाट के पास उनकी ऑफिस में आ कर मिल सकते हैं और इसके लिए कोई फीस नहीं ली जाती है।
बहरहाल एक तरफ सरकार ने 05 दिसम्बर तक उम्मीद पोर्टल पर सभी तरह की वक्फ संपत्तियों को चढ़वाने की समय सीमा तय कर रखी है तो दूसरी तरफ जागरूकता की कमी के कारण वक्फ सम्पतियों को पोर्टल में नहीं चढ़ाया जा सका है जिससे आने वाले समय में बड़ा नुकसान हो सकता है।





