मैनपुरी (रिपोर्ट: गुलज़ार शकील) भोंगाव। नगर के मोहल्ला प्रेमचिरिया सपा नेता अहमद अली के निवास पर सपा के पूर्व मंत्री आलोक शाक्य के नेतृत्व में सपा पदाधिकारियों और
कार्यकताओं के साथ समाजवादी पार्टी के जन्मदाता नेताजी मुलायम सिंह यादव का 83 वां जन्मदिन बड़ी धूमधाम से केक काटकर मनाया गया। इस अवसर पर पूर्व मंत्री आलोक शाक्य ने कहा कि नेताजी ने अपना पूरा जीवन पूंजीपति सरकारों के खिलाफ, किसानों, अल्पसंख्यकों और युवाओं के लिए संघर्ष करके बिताया
है। आज के दौर में सिर्फ समाजवादी विचारधारा को अपना कर ही देश हित की बात की जा सकती है। आज नेताजी मुलायम सिंह यादव के जन्मदिवस पर हमें यह संकल्प लेना होगा कि हमें समाजवादी विचारधारा को आगे बढ़ाना होगा। इस मौके
पर सदर जामा मस्जिद मोहम्मद शकील खान उर्फ फुलमियाँ , सपा नेता अहमद अली,आरिफ अली,सुमित यादव,सनी वाल्मीक, बीटू यादव,हाफिज रिजवान,आसिफ भाई,
जाकिर अली,दानिश अली,नदीम खान, डॉ अकरम,काशान खान,रियाज खान,आमिर खान,मोहम्मद अली आदि लोग रहे मौजूद
फ़ोटो परिचय पूर्व मंत्री आलोक शाक्य केट कितने हुये
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कृतिदेव यहां कृषि कानून बापस करने घोषणा सरकार का लगाव या फिर चुनावी दावं कृषि कानून बापसी को लेकर बोले लोग
भोगांव। शुक्रवार को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के नाम सम्बोधन मे किसान बिल पर बनाये गये तीनो कानूनो को बापस लेने की घोषणा की
थी जिसके बाद पूरे देश मे जगह जगह किसानो ने खुशी जताते हुये हर्ष व्यक्त
किया है परन्तु बिषक्षी दलो के लोग इसे सरकार चुनावी दांव बताया है हमारी टीम ने नगर मे प्रमुख लोगो से बातचीत कर उनकी राय जानी।
नगर के प्रमुख समाजसेवी एंव पशु मेला मालिक नगेन्द्र भारती कहते है कि कृषि कानूनो को लेकर शुरूआत से ही पूरे देश मे किसान आन्दोलन कर रहे है देश के प्रधानमंत्री ने किसानो की भावना को देखते हुये कृषि कानूनो को
बापस लेने का एतिहासिक फैसला लिया है। पूर्व मंत्री आलांक शाक्य ने कहा कि आखिरकार एक साल बाद किसानों के सत्याग्रह की जीत हुई। प्रधानमंत्री के तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के ऐलान को उन्होने किसानों की जीत करार दिया है। उन्होने इस जीत पर कहा कि तीनो किसान बिल पूरी तरह से किसान बिरोधी थे देश के अन्नदाताओ ने अपने
प्राणो की आहुती देकर सरकार को बिल बापस लेने पर मजवूर कर दिया।
युवा भाजपा नेता आशीष तिवारी नें कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों के हित में और उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए तीन कृषि कानूनों को वापिस लेने का बड़ा निर्णय लिया है। यह फैसला संवदेनशीलता को दर्शाता है।उन्होने कहा कि कुछ राजनैतिक दलों ने कृषि कानून को लेकर हमेशा राजनीति की है जिस कारण देश के प्रधानमंत्री ने कानून बापसी का फैसला लिया। किसान अहमद अली का कहना है कि आगामी होने बाले बिधानसभा चुनावो मे होने
बाली हार को लेकर सरकार ने यह फैसला किया है सरकार ने एक बर्ष के दौरान कभी भी किसानों की चिन्ता नही की किन्तु चुनावो को देखते हुये यह फैसला लिया गया।