बरेली (रिपोर्ट: रिपोर्ट कुनाल आर्य सोना) जनपद की तहसील आंवला के ब्लाक रामनगर की गांव लिलोर सहसा के राजकीय पशु चिकित्सालय का मामला है जहां पर शासन से पशुपालकों व किसानों के लिए पशु चारा को बोने के लिए जयी वितरण होने के लिए शासन द्वारा भेजी गई थी जहां पर एक भी पशुपालक व किसान के लिए जयी वितरण नहीं किया गया जहां चर्चा है कि डॉक्टर साहब खुद ही जयी खा कर डकार मार गए और किसी भी अधिकारी के कानों में इसकी भनक तक नहीं लगी। ग्रामीण बताते हैं कि अस्पताल में जई आई तो थी लेकिन किसानों को देने की वजह डॉक्टर साहब नहीं ब्लैक कर जय हजम कर ली सवाल यहां पर यह बनता है कि जहां योगी सरकार भ्रष्टाचार रोकने के लिए हर भरसक प्रयास कर रही है लेकिन उन्हीं की सरकार में बैठे बैठे जिम्मेदार किस तरह से अपनी जिम्मेदारी को अंजाम दे रहे हैं जहां मौजूदा सरकार पर मुंह पर कालिख पोतने के लिए काफी है जहां पशुओं के मुंह से चारा छीन लिया जाए और डॉक्टर साहब अपने निजी स्वार्थ के चलते चारा ही हजम कर जाएं तो इससे बड़ा अपराध और क्या होगा जहां एक बेजुबान पशु अपने चारे तक को ना बचा सके तो इससे बड़ी विडंबना और क्या होगी अब देखना यह होगा कि अस्पताल में तैनात डॉक्टर पर क्या कार्रवाई अमल में लाई जाती है या फिर आज भी उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार पनप रहा है।
शासन से भेजी गया पशुओं का चारा डकार गए डॉक्टर साहब !
