एनटीपीसी टांडा की यूनिट-6 (660 मेगावाट) के वाणिज्यिक प्रचालन की घोषणा
अम्बेडकरनगर (रिपोर्ट:आलम खान एडिटर) बहुप्रतीक्षित एनटीपीसी की छठवीं व अंतिम इकाई का संचालन बीती रात्रि 12 बजे से सफलता पूर्वक शुरू हो गया है। बड़ी सफलता के लिए एनटीपीसी अधिकारियों व कतमचरियों में खुशी की लहर दौड़ गई और एक दूसरे को बधाइयाँ देने का क्रम शुरू हो गया है।
एनटीपीसी टांडा के द्वितीय चरण की दूसरी यूनिट 660 मेगावाट के वाणिज्यिक प्रचालन की घोषणा 01 जुलाई की अर्द्धरात्रि को हुई। इसके साथ टांडा सुपर थर्मल पावर स्टेशन की कुल संस्थापित क्षमता 1760 मेगावाट वाणिज्यिक प्रचालन पर हो गई। द्वितीय चरण की पहली यूनिट 660 मेगावाट का वाणिज्यिक प्रचालन नवंबर 2019 में किया गया था।
इसके साथ एनटीपीसी एवं एनटीपीसी समूह की कुल वाणिज्यिक क्षमता क्रमशः 52400 मेगावाट एवं 65165 मेगावाट हो गयी है। कार्यक्रम का आयोजन दूसरी यूनिट के नियंत्रण कक्ष में अर्द्धरात्रि को एनटीपीसी टांडा के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया। एनटीपीसी प्रबंधन के शीर्ष अधिकारी वर्चुअली कार्यक्रम से जुड़े रहे तथा इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की।
इस अवसर पर एनटीपीसी टांडा के कार्यकारी निदेशक श्री के0एस0 राव ने अपना उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि द्वितीय चरण को पूरा करने तथा इसे वाणिज्यिक प्रचालन पर लाना एनटीपीसी टांडा टीम का साझा सपना रहा है। पूरी क्षमता हासिल करना हमारे सभी विभाग के लोगों तथा संबद्ध एजेंसियों की प्राथमिकता रही है। उन्होंने कहा कि आज यूनिट नं0 6 का वाणिज्यिक प्रचालन घोषित हुआ है और हमारा सामूहिक सपना अन्ततः पूरा हुआ। इस उपलब्धि को उन्होंने एनटीपीसी टांडा परिवार के सतत प्रयत्न तथा उनके बहुमूल्य योगदान का परिणाम बताया।
द्वितीय चरण की पूरी क्षमता हासिल करने की यात्रा का स्मरण करते हुए श्री जयंत सेनशर्मा, महाप्रबंधक (प्रचालन एवं कमिश्निंग) ने कहा कि उनका लक्ष्य द्वितीय चरण की दोनों इकाइयों के सफलतापूर्वक कमीशन का रहा है। उन्होंने बताया कि इस लक्ष्य को हासिल करने के रास्ते में उन्हें अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन उनकी टीम वैचारिक दृढ़ता पर अडिग रही और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अपने अतीत के अनुभव एवं समझ के आधार पर आवश्यक बदलावों को लागू किया और एक संशोधित प्रणाली सामने है। आज हम यूनिट 6 के वाणिज्यिक प्रचालन को उत्सव के रूप में मना रहे हैं। द्वितीय चरण की पूरी क्षमता हासिल करने के लक्ष्य को प्राप्त करने का हमारा अनुभव स्मरणीय रहेगा।
बिजली सभी की आवश्यकता है तथा हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुकी है, विशेषरूप से इस महामारी के दौर में। जीवन रक्षक चिकित्सीय उपकरणों, घरेलू सामानों के उपयोग, वर्क फ्राम होम इत्यादि बिजली से ही संभव हो पाते हैं। इस उपलब्धि को हासिल करने से एनटीपीसी टांडा देश की बढ़ती ऊर्जा जरूरत पूरा करने के लिए अग्रसर है। दूसरे चरण यूनिट 5 एवं 6 से उत्पादित बिजली का 78 प्रतिशत उत्तर प्रदेश को उपलब्ध कराया जाएगा शेष की उपलब्धता जम्मू एवं कश्मीर, राजस्थान, उत्तराखंड, गुजरात तथा चंडीगढ़ को सुनिश्चित की जाएगी।