अयोध्या/अम्बेडकरनगर: भारत की स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एनटीपीसी टांडा के सहयोग से अयोध्या जिले में ‘‘बिजली महोत्सव’ का भव्य आयोजन किया गया। बिजली महोत्सव राज्य एवं केंद्र सरकार के बीच सहयोग और बिजली क्षेत्र की प्रमुख उपलब्धियों को उजागर करने के लिए किया गया। हमारे देश की विद्युत उत्पादन क्षमता 2014 में 2,48,554 मेगावाट से बढ़कर आज 4,00,000 मेगावाट हो गई है जो हमारी मांग से 1,85,000 मेगावाट अधिक है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद (अयोध्या) लल्लू सिंह ने अपने संबोधन में उज्ज्वल भारत उज्ज्वल भविष्य के सपनों के अन्तर्गत सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों और योजनाओं के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने एनटीपीसी टांडा एवं डिस्काॅम को धन्यवाद दिया, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नये भारत के सपनों को पंख दे रहे हैं।
इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक, (एनटीपीसी-टांडा) संजय कुमार सिंह ने एनटीपीसी द्वारा किये गये विद्युत उत्पादन क्षमता में वृद्धि के संबंध मंे चर्चा की एवं उपस्थित जनों को एनटीपीसी टांडा द्वारा नवीनीकृत ऊर्जा उत्पादन की दिशा में किये जा रहे विविध गतिविधियों के बारे में अवगत कराया।
आगंतुकों एवं मेहमानों के कार्यक्रम के साथ जुड़ाव के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, नुक्कड़ नाटकों एवं बिजली क्षेत्र पर निर्मित लघु फिल्मों के प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। इस दौरान कोविड सुरक्षा प्रोटोकाॅल के पालन का विशेष ध्यान रखा गया था।
कार्यक्रम के दौरान चर्चा की गई की अब हमारा देश अपने पड़ोसी देशों को भी बिजली निर्यात कर रहा है। इस दौरान 1,63,000 सीकेएम ट्रांसमिशन लाइनों को जोड़ा गया, जो पूरे देश को एक ग्रिड में जोड़ती है। लद्दाख से कन्याकुमारी तक और कच्छ से म्यांमार सीमा तक यह दुनिया के सबसे बड़े एकीकृत ग्रिड के रूप में उभरा है। इस ग्रिड का उपयोग करके देश के एक कोने से दूसरे कोने तक 1,12,000 मेगावाट बिजली का पारेषण कर सकते हैं। सीओपी 21 में वादा किया था कि 2030 तक हमारी उत्पादन क्षमता का 40 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से होगा। तय समय से पहले नवंबर 2021 तक यह लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। आज नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से 1,63,000 मेगावाट का विद्युत उत्पादन किया जा रहा है। भारत दुनिया में तेजी से नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित कर रहा है।
2,01,722 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ हमने पिछले पाॅंच वर्षों में 2,921 नये उप-स्टेशन बनाके, 3,926 उप-स्टेशनांे की क्षमता वृद्धि, 6,04,465 सीकेएम एलटी लाइनें स्थापित करके, 2,68,838 11केवी एचटी लाइनों को स्थापित करके, 1,22,123 सीकेएम कृषि फीडरों के फीडर पृथक्करण एवं 1,22,123 सीसीएम कृषि फीडरों को स्थापित करके वितरण के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है। 2015 में ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति के औसत 12.5 घंटे थे जो अब बढ़कर औसतन 22.5 घंटे हो गये हैं। सरकार ने बिजली (उपभोक्ताओं के अधिकार) नियम, 2020 पेश किया है, जिसके तहत नया कनेक्शन लेने के लिए अधिकतम समय सीमा अधिसूचित की गई है।
विद्युत उपभोक्ता अब रूफ टाॅप सोलर को आसानी से अपना सकते हैं। समय पर बिलिंग सुनिश्चित की गयी। मीटर से संबंधित शिकायतों को हल करने के लिए निर्धारित समय सीमा में राज्य विद्युत नियामक प्राधिकरण अन्य सेवाओं के लिए समय सीमा को अधिसूचित किया जाता है। डिस्काॅम उपभोक्ताओं की शिकायतों को दूर करने के लिए 24ग7 काॅल सेंटर स्थापित किया जाएगा। 2018 में 987 दिनों में 100ः ग्राम विद्युतीकरण (18,374) हासिल किया एवं 18 महीनों में 100ः घरेलू विद्युतीकरण (2.86 करोड़) हासिल किया है।
भारत ने दुनिया के सबसे बड़े विद्युतीकरण अभियान के रूप में अपनी पहचान बनाई है। सोलर पंपों को अपनाने के लिए योजना प्रारंभ की गई है, जिसके तहत केंद्र सरकार 30ः सब्सिडी देगी और राज्य सरकार 30ः सब्सिडी देगी। इसके अलावा 30 फीसदी लोन की सुविधा मिलेगी।
बिजली महोत्सव पूरे देश में उज्ज्वल भारत उज्ज्वल भविष्य-पावर /2047 के तहत मनाया जा रहा है ताकि अधिक जन भागीदारी हो सके और बड़े पैमाने पर नागरिकों के लिए बिजली के क्षेत्र में विकास प्राप्त किया जा सके।
कार्यक्रम में भारी संख्या में लोगों ने प्रतिभाग किया एवं विद्युत के क्षेत्र में हो रहे कार्यों की प्रशंसा की।