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नेहा ने फिर मनवाया अपनी कला का लोहा – गिनीज़ वर्ल्ड रिकार्ड में पुनः दर्ज हुआ नाम

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बलिया (रिपार्ट: अखिलेश सैनी) रसड़ा ब्लाक क्षेत्र के ग्राम सभा डेहरी गांव की होनहार बेटी कुमारी नेहा सिंह पुत्री बुटन सिंह ने अपनी असीम मेधा व हुनर से खनिज रंगों से भागवत गीता पर आधारित ‘मोक्ष के पेड़’ की पेंटिंग बनाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराते हुए अपने साथ जनपद ही नहीं अपितु पूरे देश को गौरान्वित करने का कार्य किया। पेटिंग में भगवद्गीता के अठ्ठारह अध्यायों को पेड़ के अठ्ठारह शाखाओं में और एक एक शाखाओं में 1 से 18 पत्तों का चित्रण करके ऊपर कमल एवं ॐ से मोक्ष प्राप्ति का सुंदर चित्रण प्रस्तुत किया गया है।

रविवार को होनहार बेटी के इस एतिहासिक कार्य करने पर जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप साही ने उनके गांव डेहरी पहुंचकर उन्हें सम्मानित किया। नेहा सिंह ने लाक डाउन में अप्रैल महीने से घर बैठ के खनिज रंगों से सबसे बड़ा पेंटिंग जिसका साइज 62.72 स्कॉयर मीटर यानि 675.36 स्कॉयर फ़ीट है। पेंटिंग जुलाई महीने में ही गिनीज़ के नियमों के अनुसार तैयार करके ऑनलाइन से सारा डाक्यूमेंट्स जमा कर चुकी थी मगर कोविड के चलते गिनीज़ से जवाब आने में चार महीने का समय लगा।

पहले यह रिकॉर्ड भारत के ही आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा की रहनेवाली श्रेया तातिनेनी के नाम था जिन्होंने 29 सितंबर 2019 को 54.67 स्कॉयर मीटर यानी 588.56 स्कॉयर फ़ीट में खनिज रंगों से पेंटिंग बनाई थी, उसी समय से इसी रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए एप्लीकेशन डाला हुआ था मगर गिनीज़ रिकॉर्ड से अनुमति मिलते एवं तैयारियां करते- करते साल भर का समय लगा। खनिज रंगों से जो भी पेंटिंग बनायेंगे उसका अप्रूवल पहले से ही गिनीज़ से लेना पड़ता था। करीब 8 पेंटिंग को नकारने के बाद अंतिम गिनीज़ रिकॉर्ड के लिए भगवद्गीता पर आधारित पेंटिंग बनाई । नेहा सिंह बलिया का नाम इतिहास में पहली बार गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया वहीं काशी हिंदु विश्वविद्यालय के 100 वर्षों में पहली बार विद्यार्थी का गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज हुआ है।

इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि नेहा सिंह ने अपने लगन व कड़ी मेहनत से बलिया ही नहीं अपितु पूरे देश को गौरान्वित किया है। उन्होंने अपनी असीम मेधा से बेटा बेटी में फर्क समझने वालों के लिए एक बड़ा सबक दिया है। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि नेहा आगे भी देश को गौरान्वित करती रहेंगी।
नेहा के सम्मान समारोह में एसडीएम रसड़ा मोती लाल यादव, विधायक उमाशंकर सिंह के प्रतिनिधि रमेश सिंह सहित फत्तेबहादुर सिंह, विट्टु सिंह, विनोद सिंह एडवोकेट, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि बीजू सिंह, पारस सिंह, वीरेंद्र सिंह आदि मौजदू रहे।
(नेहा सिंह की शिक्षा एवं रिकार्ड एक नजर में)
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केन्द्र के पहले सत्र की छात्रा नेहा सिंह को वैदिक साहित्य में अधिक रुचि होने के कारण ललित कला में स्नातकोत्तर के बाद आजकल के भागदौड़ एवं मोह-माया से दूर वैदिक विज्ञान, उपनिषद, भगवद्गीता, भारतीय संस्कृति आदि विषयों में निरंतर शोध एवं अध्ययन में लगी हुई हैं। इन्होंने प्राइमरी कक्षा डेहरी गांव के शांति निकेतन से ग्रहण कर इमामिया इंटर कालेज रसड़ा से संस्कृत विषय से इंटर पास किया।
आम जन को देखने के लिए नेहा सिंह ने पेंटिंग को अपने घर (रसड़ा, डेहरी) के बाहर लगाया है। बलिया के कई विधायक एवं संसद सहित कई गणमान्य लोग बधाई देने पहुंच रहे हैं। नेहा सिंह पहले भी कई रिकार्ड बना चुकी है।

1- पहला रिकार्ड 16 लाख मोतियों से 10 गुणे 11 फुट का भारत का नक्शा बनाकर WORLD RECORD OF INDIA में दर्ज है।

2- दूसरा रिकार्ड 449 फीट कपड़े पर 38417 डॉट डॉट कर उंगलियों के निशान से हनुमान चालीसा लिख कर EURASIA WORLD RECORD में दर्ज है।

3- तीसरा रिकार्ड दुनिया का पहला दशोपनिषद् एवं महावाक्य का डिजिटल प्रिंटेड एल्बम बनाकर INDIAN BOOK OF RECORDS में दर्ज है।

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