अम्बेडकरनगर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के विरीत टाण्डा तहसील में खुलेआम घूस ली जाती है। तहसीलदार पर विधि व्यवसाय करने का आरोप लगाते हुए तहसील अधिवक्ताओं ने ज्ञापन देते हुए घूस की दर को फिक्स कर उसे वैध करार देने की मांग किया है।टाण्डा तहसील के अधिवक्ताओं ने तहसीलदार निखिलेश कुमार को ज्ञापन देते हुए कहा कि आपके द्वारा विधि व्यवसाय किया जा रहा है हालांकि टाण्डा तहसीलदार ने आरोप को निराधार बताया है।
ज्ञापन में कहा गया कि वादकारियों के कार्यों में प्रमाणित घूस दर न होने से आपको आदेश हेतु अपेक्षित धन (घूस दर) उपलब्ध नहीं कराया जा पाता और जो धन आपको दिया जाता है। यह आपकी अपेक्षा से अत्यन्त कम होता है. जिससे आदेश नहीं हो पाते हैं। अधिवक्ताओं ने तहसीलदार से कहा कि आपके कार्य-काल में घूस का दर पूर्व प्रचलित दर से बहुत अधिक हो गया है, इसलिए वादकारी, काश्तकारों, कर्मचारियों व अधिवक्ताओं में विवाद रहता है और काम नहीं हो पाता है। यदि आप द्वारा प्रमाणित घूस दर की सूची उपलब्ध / प्रकाशित करा दी जाय तो कार्य सम्पादन आसान हो जायेगा।बहरहाल टाण्डा तहसील के अधिवक्ताओं ने तहसीलदार से घूस की प्रमाणित सूची को प्रकशित करने की मांग किया है जिससे वादकारियों से अधिवक्ताओं का सम्बंध खराब ना हो सके। टाण्डा तहसीलदार निखिलेश कुमार ने बताया कि अधिवक्ताओं की शिकायत निराधार है। उन्होंने बताया कि एक पत्रावली में टेक्निकल मामला होने के कारण आदेश फाइनल नहीं किया जा सका है जिसको लेकर गलत आरोप लगाया गया है। उन्होंने कहा कि टाण्डा तहसीलदार कार्यालय में किसी भी कर्मचारी द्वारा अवैध धन उगाही नहीं कि जा रही है और किसी मामले में अगर शिकायत की जाएगी तो विधिवत कार्यवाही की जाएगी। उक्त ज्ञापन वरिष्ठ अधिवक्ता अजय प्रताप श्रीवास्तव के नेतृत्व में दिया गया जहां वरिष्ठ अधिवक्ता हेलाल अशरफ, मो.शाहिद, प्रदीप मौर्य, दिलीप कुमार मांझी, अमित कुमार आदि मौजूद रहे।