बलिया (रिपोर्ट अखिलेश सैनी) स्कूल को मंदिर की संज्ञा दी गयी है किंतु जब इस मंदिर में शिक्षक द्वारा सजा देकर उसकी जिंदगी से खिलवाड़ करने का कार्य कर दिया जाय तो नि:संदेह शिक्षक की गरिमा शर्मशार होकर रह जाती है। रसड़ा में कुछ ही ऐसा मामला प्रकाश में आया है जहां मासूम छात्र द्वारा फीस नहीं ले जाने पर अध्यापिका द्वारा उसे लगभग चार घंटे तक हाथ ऊपर कराकर खड़ा कर दिये जाने से उसकी तबीयत खराब हो गयी। छात्र की तबीयत खराब होने पर विद्यायल प्रबंधन में हड़कंप मच गया। साथी छात्रों ने उसे किसी तरह उसके घर पहुंचा जहां परिजन उसे रसड़ा सीएचसी ले गये जहां से उसे गंभीर स्थिति में उसे मऊ के लिए रेफर कर दिया गया। रसड़ा नगर के पुरानी मस्जिद निवासी सेराज अख्तर ने रसड़ा कोतवाली पुलिस को दी गयी तहरीर में आरोप लगाया है कि उनका 6 वर्षीय पुत्र अयाज अख्तर नगर के पुरानी मस्जिद स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में कक्षा एक में पढ़ता है। वह प्रतिदिन की भांति 27 जनवरी को भी विद्यालय गया जहां फीस नहीं ले जाने पर शिक्षिका द्वारा उसे खड़ा करा दिया गया। आरोप है कि लगभग चार घंटे तक उसे खड़ा करके छोड़ दिये जाने से वह बेहोश होकर गिर पड़ा और दरम्यान उसके एक हाथ और एक पैर काम करना बंद कर दिया। पिता ने प्रधानाचार्य व शिक्षिका के विरूद्ध नामजद तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने तहरीर पर जांच-पड़ताल की कार्रवाई शुरू कर दी है। उधर छात्र अयाज अख्तर का इलाज अभी मऊ जनपद के फातिमा अस्पताल में चल रहा है। इस घटना को लेकर अभिभावकों विद्यालय प्रबंधन आमने-सामने हो गये हैं।