अम्बेडकरनगर: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वृद्धा, विधवा, विकलांगो को शत प्रतिशत पेंशन देने का प्रयास कर रही हैं साथ ही विकलांगो को कृत्रिम अंगों, ट्राई साइकल, बैट्री चलित साइकल भी पात्रों को देने की भी योजना लागू किया है लेकिन समाज कल्याण के अधिकारियों और कर्मचारियों के लापरवाही, उदासीनता और के कारण पात्रों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है जिसके कारण लाभार्थी दूर दराज के गांवों से निकल कर ब्लाक, तहसील से लेकर जिले तक दौड़ लगाने व दरबदर भटकने पर मज़बूर हैं।
चर्चा है कि जिले से लेकर ब्लाक स्तर तक के अधिकारियों और कर्मचारियों के लापरवाही और उदासीनता के कारण विकलांग और पेंशन धारक उपकरण और पेंशन सहित अन्य लाभ से वंचित होने को मजबूर है।
बानगी के रूप में ऐसा ही एक मामला जलालपुर ब्लॉक के ग्राम डीह भियांव का है। डीह भियांव निवासी बृजेश कुमार पुत्र राधेश्याम ने बताया की मै दोनो पैरो से 80 प्रतिशत दिव्यांग हू। सरकार द्वारा दिए जा रहे मोटराइज्ड ट्राई साइकिल के लिए 2021 में आवेदन किया था। लेकिन कई बार ब्लाक स्तर से लेकर जिले स्तर तक चक्कर लगाया लेकिन लाभ न मिलने पर बीते 22-10-2021 को मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई । उक्त शिकायत पर विभाग द्वारा मुझे बुलाया गया। आरोप है की कई घंटे इंतजार कराए जाने के बाद अधिकारियों द्वारा बगैर कोई जानकारी देते हुए भेज दिया गया। फिर दोबारा 2023 में मुख्यमंत्री पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज किया गया जिस पर विभाग द्वारा यह कहते हुए रिपोर्ट लगाकर सबमिट कर दिया गया कि आवेदक द्वारा मोटराइज्ड ट्राई साइकिल का आवेदन किया गया था लेकिन बजट न होने के कारण उपलब्ध नहीं कराया जा सकता। बजट आने पर सूचित करते हुए लाभान्वित किया जाएगा लेकिन आज तक न विभाग द्वारा कोई फोन कर जानकारी दी गई न ही कोई मैसेज ही आया। जिसके कारण कॉलेज, सहित अन्य काम पर जाने के लिए भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आज भी लाठी डंडे के सहारे चलने को मजबूर है| पीड़ित दिव्यांग ने बताया की सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का पलीता अधिकारी ही लगा रहे है। इन अधिकारियों की अकर्मण्यता के कारण लोगो को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।