अम्बेडकरनगर/अयोध्या (रिपोर्ट: आलम खान एडिटर) पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के जन्मोत्सव (राम नवमी) के पावन अवसर पर धर्म नगरी अयोध्या में स्थित डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अवध्य विश्विद्यालय के कबीर सभागार में 75 घण्टे का “राष्ट्रीय कवि संगम” का आयोजन किया गया जिसमें “श्री राम वनगमन पथ काव्य यात्रा” शीर्षक के तहत देश के कोने कोने से आये प्रसिद्ध कवियों ने काव्य पाठ किया। विश्व विख्यात कवि डॉक्टर हरिओम पवार के संरक्षण वाले विशाल मंच पर टाण्डा के युवा कवि प्रदीप मांझी ने अपने मनमोहक अंदाज़ में काव्य पाठ कर मौजूद लोगों एवं ऑनलाइन श्रोताओं को आश्चर्यचकित कर दिया।
बताते चलेंकि टाण्डा नगर क्षेत्र के मोहल्लाह छज्जापुर निवासी प्रदीप मांझी वरिष्ठ अधिवक्ता दिलीप मांझी के छोटे भाई है। श्री प्रदीप सहायक शिक्षक का दायित्व निर्वाह करने के साथ साथ काव्य क्षेत्र में सराहनीय प्रगति कर रहे हैं। श्री प्रदीप द्वारा कई मंचों पर काव्य पाठ किया जा चुका है और पहली बार देश के सबसे बड़े मंच पर पहुंच कर टाण्डा ही नहीं बल्कि जनपद के नाम रौशन किया है।
ज्ञात रहे श्री लंका से एक दार्शनिक टीम उसी मार्गो से होती हुई अयोध्या आ रही है जिन मार्गो से पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम वनवास के लिए गए थे। राम नवमी के पावन अवसर पर अयोधया में आयोजित राष्ट्रीय कवि संगम में भाग लेने वाले प्रदीप मांझी को बधाइयाँ देने का सिलसिला जारी है। श्री प्रदीप को मंच द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। श्री प्रदीप ने जो काव्य पाठ किया उसे नीचे पेश किया जा रहा है।
मुख से निकले शब्द जो
वो शब्द ही रत्न बन गए
जहां जहां पड़े श्री चरण
वो चरण आदर्श बन गए
सभी के प्यारे प्रभु श्री राम बन गए ।
गले से गले लगाकर केवट को
धरा पर मित्रता के अवतार बन गए
धर्म पथ पर चलकर इस ब्रह्मांड में
आज मानवता के सूत्रधार बन गए
सभी के प्यारे प्रभु श्री राम बन गए ।
कांटो के सेज पर सो कर
दुखों को हरने वाले सियाराम बन गए
करके धनुष की टंकार
असुरों के भी तारणहार बन गए
सभी के प्यारे प्रभु श्री राम बन गए ।
छूते ही पत्थरो में भी जान बन गए
एक अहिल्या एक रामसेतु बन गए
खा खा के शबरी के जूठे बेर
वंचितों के भगवान बन गए
सभी के प्यारे प्रभु श्री राम बन गए ।
अब राम नाम ही संस्कार बन गए
इस धरा के अलंकार बन गए
अब रग रग में श्री राम बस गए
अब राम ही जीवन का आधार बन गए
सभी के प्यारे प्रभु श्री राम बन गए ।