अम्बेडकरनगर: उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति लखनऊ के निर्देश पर पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड वाराणसी के निजीकरण के विरोध के प्रथम चरण में लगातार तीसरे दिन समय 2 बजे से 5 बजे तक कार्य बहिष्कार कर विद्युत वितरण खण्ड टाण्डा एवं विद्युत पारेषण उपखण्ड तथा विद्युत परीक्षण शाखा के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति टाण्डा के तत्वाधान में 132 के.वी पारेषण उपकेन्द्र टाण्डा के परिसर में विरोध सभा की। सभा में वक्ताओं ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार अपने हठधर्मिता पर कायम है तथा यह आन्दोलन विद्युत कर्मचारियों के ऊपर थोपा जा रहा है। अभी तक पूर्व में प्रदेश में जहां भी निजीकरण हुआ वहां के परिणाम अपेक्षा अनुरूप नही रहे है । संघर्ष समिति केन्द्रीय पदाधिकारियों ने सरकार से यह मांग की थी कि पूर्व में प्रदेश में जहां भी निजीकरण की प्रक्रिया अपनायी गयी थी, उसके सम्बन्ध में प्रदेश सरकार एक श्वेत पत्र जारी करें , जिससे सच्चाई आम जनता के सामने आ सके । वक्ताओं ने यह भी आशंका जाहिर की कि निजीकरण की प्रक्रिया की आड़ में राजनीतिज्ञों एवं नौकरशाहों द्वारा साजिश के तहत सरकारी सम्पत्ति कौड़ियों के भाव निजी घरानों को सौपने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे विद्युतकर्मी किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगें। विद्युत विभाग प्रारम्भ से ही एक जनकल्याणकारी विभाग रहा है और सम्पूर्ण देश में हरित क्रान्ति अभियान को सफल बनाने में प्रमुख श्रेय विद्युत विभाग का ही रहा है। इस विभाग का निजीकरण कर देने से विद्युत मूल्यों में बेतहाशा वृद्धि हो जायेगी, जो किसानों एवं समाज के गरीब वर्गों के लोगों के हितों के विपरीत है। वक्ताओं ने माननीय मुख्यमंत्री जी से पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम वाराणसी के निजीकरण की प्रक्रिया को रोकने की मांग की। सभा को विनय कुमार त्रिपाठी, अनमोल सिंह कूपर, आर.पी यादव, अशोक कुमार, पवनेश कुमार, अंकित मौर्या, रविशंकर निषाद, श्रीनाथ आदि लोगों ने सम्बोधित किया । सभा का संचालन संयोजक आशिर्वाद एवं अध्यक्षता अधिशाषी अभियन्ता ए.के. सिंह ने किया।
निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मियों का धरना प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी


