अम्बेडकरनगर: टाण्डा अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष 58 वर्षीय महेंद्र नाथ श्रीवास्तव ने गत 05 मार्च को आत्महत्या किया था या किसी मुलायम वस्तु से उनका गला दबा कर हत्या की गई थी इस पर चर्चा जारी है।
स्वास्थ विभाग की तरफ से जारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट तो इस बात की तरफ इशारा करती नज़र आ रही है कि टाण्डा अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता महेंद्र नाथ श्रीवास्तव ने आत्महत्या नहीं किया था बल्कि किसी मुलायम चीज़ से उनका गला दबा कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया था। आपको बताते चलेंकि वरिष्ठ अधिवक्ता महेंद्र नाथ श्रीवास्तव मूल रूप से पियारेपुर रसूलपुर (मुबारकपुर) टाण्डा के रहने वाले थे लेकिन गत कई माह से अपने परिवार के साथ अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र के जौहरडीह मार्ग पर एक किराये के मकान में रहते थे। गत 05 मार्च को श्री श्रीवास्तव का शव संदिग्ध हालत में उनके अस्थाई आवास से थोड़ी दूरी पर स्थित गदाएं में तमसा नदी में मिला था जिससे अकबरौर सहित टाण्डा में भी हड़कम्प मच गया था। पुलिस मि माने तो परिजनों के अनुसार अधिवक्ता महेंद्र नाथ श्रीवास्तव ने तनाव में आकर आत्महत्या कर लिया था लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मामले ने नया रूप धारण कर लिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट को एक एक्सपर्ट चिकित्सक से जांच कराया गया तो पता चला कि पोस्टमार्टम के अनुसार किसी सॉफ्ट वस्तु से उनका गला दबा कर मौत के घाट उतारा गया है।
उक्त मामले में अकबरपुर कोतवाली निरीक्षक से वार्ता की गया तो उन्होंने कहा कि ऐसा कोई बात नहीं है और ना ही मृतक के परिजनों को कोई शिकायत है। वरिष्ठ अधिवक्ता महेंद्र नाथ श्रीवास्तव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के उपरांत टाण्डा अधिवक्ता संघ ने सभागार में विशेष बैठक कर विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श किया। अपने प्रिय साथी की आकस्मिक मृत्यु से आक्रोशित अधिवक्ताओं ने मृत्यु का कारण पता लगाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। अधिवक्ताओं ने एक सुर में कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का परीक्षण कराया जा रहा है और यदि मामला हत्या का आता है तो संघर्ष समति बना कर आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी तथा हत्या में जो भी शामिल होगा उसे सजा दिलाई जाएगी।
बहरहाल वरिष्ठ अधिवक्ता महेंद्र नाथ श्रीवास्तव की हत्या या आत्महत्या पर चारों तरफ चर्चाएं चल रही है और अब ये जांच के उपरांत ही स्पष्ट होगा कि सही मामला क्या था।
कहीं गला दबा कर तो नहीं हुई थी अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष की हत्या !
