ठेकेदारों से सामंजस्य बैठाने में जुटा है पालिका प्रशासन लेकिन नहीं बन रही है बात
अम्बेडकरनगर: टाण्डा नगर पालिका प्रशासन द्वारा लगभग 60 लाख रुपए की लागत की अति अल्पकालीन ई-निविदा का समय बीत जाने के दो दिन बाद भी निविदा नहीं खोली गई जिसकी चर्चाएं पूरे क्षेत्र में होने लगी है।
नगर पालिका परिषद टाण्डा द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर क्षेत्र के दो स्थानों पर शौचालयों का निर्माण तथा राज्य वित्त आयोग व 14वें वित्त आयोग मद से एक-एक निर्माण कार्य कराया जाना था जिसके लिए दो समाचार पत्रों में आधी अधूरी सूचनाएं प्रकाशित कराई गई तथा ई निविदा डाउनलोड व अपलोड शुरू करने की तिथि 04 फरवरी तथा ई-निविदा अपलोड करने की अंतिम तिथि 11 फरवरी निर्धारित की गई थी। नगर पालिका प्रशासन द्वारा निविदा की हार्ड कॉपी 11 फरवरी को 2 बजे तक जमा कराई गई और मात्र एक घंटे बाद ही 3 बजे निविदा खोलने का समय निर्धारित किया गया था लेकिन दो दिन बीत जाने के बाद भी 58 लाख 41 हज़ार 318 रुपये लागत की ई-निविदा नहीं ओपन की गई। जनचर्चा है कि नगर पालिका प्रशासन ठेकेदारों में सामंजस्य बैठाने के लिए कई बार बैठक कर चुका है लेकिन ठेकेदारों व नगर पालिका प्रशासन में आपसी सहमति ना बनने के कारण अतिअल्पकालीन ई-निविदा को दो दिन बीत जाने के बाद भी नहीं खोला गया है। दूसरी चर्चा है कि ई-निविदा में कई ठेकेदारो द्वारा काफी कम मूल्य पर (ब्लो) निविदा डाली गई है जिसके कारण सहमति नहीं बन पा रही है। समाचार पत्रों में उक्त निविदा आधी अधूरी प्रकाशित करने से कई अन्य सवाल भी पैदा हो गये हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रकाशित निविदा में कार्य का प्रकार, स्थान, लागत आदि तक नहीं दर्शाया गया था। सूत्रों के अनुसार नगर क्षेत्र के वार्ड नंबर 09 छज्जापुर दक्षिण आकाश मार्बल के सामने ट्रांफार्मर के बगल 3 लाख 85 हज़ार 634 रुपये लागत से सार्वजनिक शौचालय का निर्माण भी होना है जबकि वहां पर पहले से ही एक सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया जा चुका है जिसमें अधिकांश समय ताला भी बंद रहता है। चर्चा है कि बने बनाये शौचालय की ही ई-निविदा तो नहीँ डलवाई गई है यदि नहीं तो नवनिर्मित शौचालय के बगल दूसरा शौचालय का क्या औचित्य है।
बहरहाल नगर पालिका परिषद टाण्डा द्वारा लगभग 60 लाख रुपये लागत की अति अल्पकालीन ई-निविदा को दो दिन बाद भी नहीं खोला गया है जिसका कारण कुछ भी हो सकता है लेकिन ये जन चर्चा अवश्य है कि अति अल्पकालीन ई-निविदा में कोई बड़ा खेल तो नहीं खेला रहा है।