अम्बेडकरनगर: टाण्डा नगर पालिका परिषद परिक्षेत्र में हाउस व वाटर टैक्स का मुद्दा एक बार फिर गरम हो गया है। नगर पालिका प्रशासन द्वारा गत दिनों समाचार पत्रों में प्रकाशित हाउस व वाटर टैक्स की मासिक दर सूची पर 3049 लोगों द्वारा आपत्तियां दर्ज कराई गई थी जिसमें नियमानुसार 10 प्रतिशत लोगों की आपत्तियों की सुनवाई होनी है। नगर पालिका प्रशासन द्वारा आपत्तियों की सुनवाई शुरू कर दिया है जिससे नगर वासियों में पुनः हड़कम्प मच गया है।
बताते चलेंकि नगर पालिका टाण्डा के अधिशाषी अधिकारी द्वारा 28 जून 2024 को दो समाचार पत्रों में हाउस व वॉटर टैक्स की मासिक दर सूची का प्रकाशन कराते हुए 30 सितंबर तक आपत्तियां आमन्त्रित किया था जिसमें 3049 आपत्तियां नगर पालिका तक पहुंची थी लेकिन 11 अक्टूबर 2024 को नगर पालिका अध्यक्ष शबाना नाज़ द्वारा पत्रांक संख्या 663 के माध्यम से अधिशाषी अधिकारी टाण्डा के विज्ञापन संख्या 588/24 दिनांक 28 जून 2024 को स्थगित करते हुए ईओ टाण्डा को निर्देशित किया था कि बिना नीतिगत वार्ता के उक्त प्रकरण में कोई पत्र ना जारी करें परंतु नगर पालिका अधिशाषी अधिकारी द्वारा आपत्तियों के लिए नोटिस जारी कर सुनवाई शुरू कर दी गई है।
वरिष्ठ अधिवक्ता हेलाल अशरफ ने आपत्ति का लिखित जवाब देते हुए बताया कि जब अध्यक्ष द्वारा ईओ के विज्ञापन पत्रांक को स्थगित कर दिया गया है तो फिर नोटिस जारी करने का क्या औचित्य है। श्री हेलाल ने कहा कि टाण्डा बुनकर गरीब नगरी है परंतु महापालिकाओ की तरह भारी भरकम टैक्स लगाया जाना उचित नहीं है।
आपत्तियों की सुनवाई के दौरान बुनकर उत्थान समिति के मो.नदीम एडवोकेट, मो.मुर्तुजा, सगीर बज़्मी, मो.अशरफ तथा मनिहार ट्रस्ट ऑफ इंडिया के मो.अज़ीम उर्फ मुन्ना आदि आपत्ति पर दावा करते हुए कहा कि ईओ के ना होने के कारण हम लोगों को पुनः तारीख दी जाए।
बताते चलेंकि 3049 आपत्तियों में से 10 प्रतिशत आपत्तियों को निस्तारण हेतु 305 प्रार्थना पत्रों को चिन्हिन्त कर नोटिस जारी कर दिया और उसकी विधिवत सुनवाई गुरुवार से शुरू कर दिया।
बाहरहाल एक तरफ नगर पालिका प्रशासन हाउस व वॉटर टैक्स की मासिक दर सूची पर आपत्तियां मांग कर उसके निस्तारण करने में जुटी हुई है तो दूसरी तरफ टाण्डा चेयरमैन द्वारा 11 अक्टूबर को स्थगित करने वाला पत्र भी वायरल हो रहा है जिससे आम नागरिकों में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है।
