अम्बेडकरनगर: सांसद रितेश पांडेय के भाजपा में शामिल होने की सभी अटकलों पर रविवार को विराम लग गया। लोकसभा चुनाव के ठीक पहले रितेश पांडेय ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर लिया। श्री रितेश के पिता जलालपुर विधायक राकेश पांडेय ने भी विधान सभा चुनाव के दौरान ही बसपा को झटका देते हुए सपा का दामन थाम लिया था।
राजनीतिक गलियारे में दल बदलना कोई बड़ी बात नहीं है। राजनीति कैरियर के लिए अक्सर नेता दल बदलते रहते हैं और राजनीतिक पार्टियां इन्ही पर भरोसा जताते हुए चुनाव मैदान में उतार देती हैं जिससे आम जनता जहां की तहाँ ठगी हुई महसूस करती है।
2012 के विधान सभा चुनाव में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 13 जनवरी 2022 को पूर्व सांसद व पूर्व विधायक राकेश पांडेय ने बसपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देते हुए समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था और सपा ने भी उन्हें जलालपुर से अपना प्रत्याशी बनाया जिन्हें सफलता भी प्राप्त हुई।
सपा बसपा गठबंधन में बसपा के सिम्बल पर सांसद बने रितेश पांडेय की भाजपा में जाने की चर्चाएं काफी दिनों से चल रही थी जिस पर रविवार को विराम लग गया। रविवार की सुबह रितेश पांडेय ने सोशल मीडिया के माध्यम से बसपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देने वाला पत्र शेयर कर बसपा पर उपेक्षा का आरोप लगाया और दोपहर में ही भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर लिया। श्री रितेश को यूपी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी व डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने संयुक्त रूप से भाजपा की सदस्यता ग्रहण कराया।
चर्चा है कि सांसद रितेश पांडेय के बाद उनके पिता विधायक राकेश पांडेय भी भाजपा जॉइन करेंगे लेकिन आगामी राज्य सभा चुनाव में क्रास वोटिंग के उद्देश्य से उन्हें रोका गया है लेकिन राज्य सभा चुनाव के बाद श्री राकेश भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं। पिता पुत्र की राजनीतिक कैरियर को चार चांद लगाने में बसपा का महत्वपूर्ण योगदान रहा है लेकिन विधान सभा चुनाव से ठीक पहले जहां पिता राकेश पांडेय ने दल बदल कर सपा से विधायक बने थे वहीं लोकसभा चुनाव से ठीक पहले रितेश पांडेय ने भी दल बदल कर नई पारी खेलने के लिए तैयार हो गए हैं। माना जा रहा है कि भाजपा आगमी लोकसभा चुनाव रितेश पांडेय को लड़ाएगी हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं कि गई है।