इस्लाम धर्म के पवित्र ग्रंथ कुरआन से 26 आयतों (श्लोकों) को आतंकवाद का बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए उसे हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जन हित याचिका दायर वाले वसीम रिज़वी के खिलाफ मुस्लिम समाज में आक्रोश नज़र आ रहा है। वसीम रिज़वी के खिलाफ सोशल मीडिया पर एक मुहिम छिड़ गई है और लोग लानत मलानत करते नज़र आ रहे हैं।
प्रख्यात मुस्लिम स्कॉलर व पूर्व सांसद मौलाना उबैदुल्लाह खान आज़मी ने एक ऑडियो क्लिप जारी कर मुस्लिम समाज से शांतिपूर्ण माहौल बनाये रखने की अपील किया तथा कहा कि जज़्बाती हो कर धरना प्रदर्शन आदि पर कम ध्यान दें क्योंकि वसीम रिज़वी जैसे उनके बाप दादाओं की शक्ल में पहले भी पैदा हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि कुरआन पाक व पैगम्बर हज़रत मोहम्मद सल्ल. के रास्ते पर चलें। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट जल्द ही वसीम रिज़वी की अर्जी को उसके मुंह पर फेंकेगी।
रूहानी इलाज के लिए विश्व प्रसिद्ध दरगाह किछौछा के मूल निवासी व मुस्लिम स्कॉलर सैय्यद मकसूद अशरफ उर्फ अरशद मियां ने वसीम रिज़वी पर लानत भेजते हुए कहा कि वसीम रिज़वी की शक्ल में शैतान प्रकट हो चुका है जो खुदा (ईश्वर) की आसमानी किताब को चैलेंज दे रहा है जबकि कुरआन को सिर्फ आयातों (श्लोकों) से ही नहीं पढ़ा समझा जा सकता है बल्कि कुरआन को समझने के लिए विस्तृत अनुवाद व हदीस की जरूरत है।
ऑल इंडिया बज़्मे अशरफ के प्रेसिडेंट सैय्यद हैदर किछौछवी ने कहा कि वसीम रिज़वी ही नहीं बाकी पूरी दुनिया में किसी को भी किसी भी धर्म के पवित्र ग्रंथो से श्लोक हटाने या संसोधन करने का अधिकार नहीं है।