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अम्बेडकरनगर: (रिपोर्ट: आलम खान – एडिटर इन चीफ/मान्यता प्राप्त पत्रकार) सांसद रितेश पाण्डेय द्वारा 11 फरवरी से 06 मार्च तक पैदल यात्राक माध्यम से लोकसभा क्षेत्रवासियों के बीच जा रहे हैं। गाँव से लेकर शहर तक सांसद पैदल यात्रा की चर्चाएं हो रही है। रविवार को सांसद की यात्रा टाण्डा नगर क्षेत्र में भ्रमण कर बुनकरों, मज़दूरों व व्यपारियों से मुलाकात किया। पैदल यात्रा में सभी पार्टी के लोग भी नज़र आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर सांसद को ट्रोल भी किया जा रहा है और उक्त यात्रा को वोट की राजनीति भी करार दिया जा रहा है जबकि सांसद रितेश पाण्डेय का दावा है कि ये यात्रा पैदल चलने के साथ साथ अपनी धरती से और बारीकी से जुड़ने, अपनों से मिलकर उनकी समस्याओं को समझने तथा समस्याओं को लोकसभा में और मुखरता से रखने से जुड़ा है।
सोशल मीडिया पर रितेश पांडेय की सांसद पैदल यात्रा को ट्रोल भी किया जा रहा है। पैदल यात्रा में बहुजन समाज पार्टी का झंडा ना दिखाई देने को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। कई लोग कमेंट के माध्यम से कह रहे हैं कि चार वर्ष तक कहीं नजर न आने वाले रितेश पाण्डेय अंतिम वर्ष में पैदल यात्रा निकाल कर आगामी लोकसभा 2024 की तैयारी में जुट गए हैं।
11 फरवरी को जलालपुर क्षेत्र से शुरू हुई सांसद पैदल यात्रा में भारी भीड़ रही। दूसरे दिन भी नगरीय क्षेत्र के साथ ग्रामीण क्षेत्र में भी जनसैलाब सा नज़र आया लेकिन धीरे धीरे यात्रा में भीड़ काम होती नज़र आने लगी। पैदल यात्रा के 09वें दिन औद्योगिक बुनकर नगरी टाण्डा में यात्रा ने भ्रमण किया जिसमें बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी व कांग्रेस से जुड़े लोग भी नज़र आए। टाण्डा नगर क्षेत्र में अपेक्षा से काफी कम भीड़ दिखाई दी जो चर्चा का विषय बनी रही। पैदल यात्रा में विशेष टी-शर्ट वालों की भीड़ दिखाई देती है जो उनके साथ लगातार चल रहे हैं। पैदल यात्रा में स्थानीय लोगों का भारी मात्रा में ना जुड़ना भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
सांसद पैदल यात्रा के दौरान श्री रितेश से मिड-डे-मील रसोइया के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात कर आने मानदेय व नियमितीकरण के मुद्दों को लोकसभा में उठाने की अपील किया। यात्रा के दौरान मनरेगा महिलाओ ने मुलाकात कर मज़दूरी बढाने व 55 फ़ीट से कम खननी करने के मुद्दे को लोकसभा में उठाने की मांग किया।
पैदल यात्रा के दौरान आम बुनकरों से भी श्री रितेश से मुलाकात कर शिकायत दर्ज कराया कि सरकारी योजनाओं का लाभ सोसाइटी प्रमुखों तक ही सीमित रह जाता है और साधारण मज़दूर बनुकरों को कोई लाभ नहीं मिल पाता है इसलिए छोटे व मज़दूर बुनकरों को सीधे उनके खाते में लाभ दिलाने की आवाज़ लोकसभा में उठाएं।
श्री रितेश ने सभी मुद्दों को काफी गंभीरता से लेते हुए लोकसभा में आवाज़ उठाने का आश्वासन दिया। श्री पांडेय पैदल यात्रा के माध्यम से आमजनों से जुड़ने का अनोखा प्रयास कर रहे हैं जिनकी गाँव से लेकर शहर तक चर्चाएं हो रही है और हर कोई अपने अपने हिसाब से पैदल यात्रा की व्यख्या करने में लगा हुआ है।