अम्बेडकरनगर: फ्लैट रेट बिजली सप्लाई को लेकर आक्रोशित बुनकर प्रतिनिधियों को प्रदेश सरकार ने अगामी 17 नवंबर को लखनऊ में समुचित बिजली सप्लाई रेट व्यवस्था के प्रस्ताव सहित आमंत्रित किया है लेकिन प्रदेश के बुनकर प्रतिनिधियों में भिन्नता नज़र आने से बुनकर समाज काफी परेशान हैं। औद्योगिक बुनकर नगरी टाण्डा के मोहल्लाह सकरावल निवासी फैसले आला अकवम ने सोशल मीडिया के फेसबुक वॉल पर बुनकर प्रतिनिधियों को आईना दिखाते हुए अपील किया कि बुनकरों के हित में सभी बुनकर प्रतिनिधि एक साथ बैठक कर सरकार को देने वाले प्रस्ताव पर विस्तृत चर्चा करें जिससे सरकार के पास बुनकरों का एक मत पहुंच सके और सरकार बुनकरों को बिजली सप्लाई देने की व्यवस्था पर त्वरित निर्णय ले सके। चाय खानों पर चर्चा है कि बुनकर प्रतिनिधियों के आपसी मतभेद के कारण बुनकरों को बड़ा नुकसान हो सकता है। (नोट:सबसे पहले सूचना न्यूज़ पढ़ने के लिए इसे टच कर टेलीग्राम ग्रुप में शामिल हो जाएं-धन्यवाद)
आपको बताते चलेंकि 2006 में तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार ने बुनकरों की बहुप्रतीक्षित मांग को स्वीकार करते हुए बुनकरों को फ्लैट रेट पर बिजली सप्लाई देने का शासनादेश जारी किया था और तब से ही बुनकरों को फ्लैट रेट पर बिजली सप्लाई मिल रही थी लेकिन 01 जनवरी 20020 से मौजूदा भाजपा सरकार ने फ्लैट रेट बिजली सप्लाई व्यवस्था समाप्त करने का शासनादेश जारी किया था लेकिन बुनकरों की प्रदेश व्यापी हड़ताल के बाद सरकार ने उक्त फ्लैट रेट व्यवस्था को 31 जुलाई 2020 तक बढ़ा दिया लेकिन 01 अगस्त से मीटर रीडिंग व्यवस्था लागू कर दिया हालांकि फ्लैट रेट बिजली सप्लाई की मांग को लेकर बुनकरों का आक्रोश जारी है और इसी आक्रोश को समाप्त करने के लाइट प्रदेश सरकार ने प्रदेश के 28 बुनकर प्रतिनिधियों को आगामी 17 नवंबर को प्रदेश मुख्यालय पर प्रस्ताव सहित आमंत्रित किया है।
बुनकर प्रतिनिधियों के मध्य चल रही खींचातानी से आम बुनकरों में असमंजस की हालत बनी हुई है इसलिए साधारण बुनकर चाहता है कि बुनकर प्रतिनिधि आपसी रंजिश व मनमुटाव को दूर कर एक स्थान पर बैठक कर सरकार को देने वाले प्रस्ताव के लिए एक बात पर सहमत हो जाएं जिससे प्रदेश सरकार को फैसला लरमे में आसानी हो और आम बुनकरों को इसका सीधा लाभ मिल सके।


