अम्बेडकरनगर: किसान आंदोलन को धार देने के उद्देश्य से 14 दिसम्बर को कलेक्ट्रेट पर विशाल धरना व प्रदर्शन के लिए किसान यूनियनों सहित कई राजनीतिक पार्टीयों ने आह्वान किया था। कलेक्ट्रेट के आसपा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था व बैरिकेटिंग आदि की गई थी और कई राजनीतिक नेताओं को होम अरेस्ट (नज़र बन्द) भी किया गया था लेकिन इसके बावजूद किसानों के समर्थन के लिए कलेक्ट्रेट पर स्थित बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा के पास काफी भीड़ जमा हो गई।
ऑल इंडियन मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लेमीन के प्रदेश सचिव इरफान पठान को उनके पैतृक आवास छज्जापुर टांडा में ही नज़र बन्द किया गया और एमआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष मुराद अली को पहले उनके घर पर रोकने का प्रयास हुआ लेकिन वो अपने समर्थकों के साथ धरना स्थल के लिए निकले जिन्हें रास्ते मे हिरासत में ले लिए गया। एमआईएम ज़िलाध्ययक्ष मुराद अली ने एक तरफ अपनी गिरफ्तारी दिया तो दूसरी तरफ पुलिस को चकमा देकर उनके समर्थकों की भीड़ कलेक्ट्रेट पहुंच कर किसानों का समर्थन भी किया।
प्रगतिशील समाजवादी लोहिया के ज़िलाध्यक्ष राम शंकर यादव व बहुजन मुक्ति पार्टी के ज़िलाध्ययक्ष लालजी गौतम को भी उनके पैतृक आवास ओर नज़र बन्द किया गया जिसके कारण ये लोग कलेक्ट्रेट स्थित किसानों के धरना प्रदर्शन में नहीं पहुंच सके।
समाजवादी पार्टी के ज़िला महासचिव मुजीब अहमद सोनू को उनके पैतृक आवास पर ही नज़र बन्द करने का प्रयास किया गया जहां सैकड़ों की संख्या में पहुंचे उनके समर्थकों ने जमकर नारे बाजी किया।
पूर्व मंत्री शंखलाल मांझी, पूर्व मंत्री राममूर्ति वर्मा, पूर्व एमएलसी विशाल वर्मा, मोहम्मद एबाद, सैय्यद कसीम अशरफ आदि के आवास पर भी पुलिस ने दोपहर बाद तक घेराबन्दी कर रखी थी जिसके कारण ये लोग भी किसानों के धरना कार्यक्रम तक नहीं पहुंच सके।
भारतीय किसान यूनियन के बैनर पर कलेक्ट्रेट पहुंचे सैकड़ों किसानों ने नवीन कृषि बिल का विरोध दर्ज कराते हुए तत्काल सरकार से बिल वापस लेने की मांग किया। पुलिस बंदिशों को धत्ता बताते हुए कलेक्ट्रेट के पास हो रहे धरना प्रदर्शन में शामिल हुए एमआईएमआईएम ने भी ज्ञापन देते हए नवीन कृषि बिल को वापस लेने की मांग किया।
बहरहाल 14 दिसम्बर सोमवार को एक तरफ किसान यूनियनों व राजनीतिक दलों का कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन तो दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखलेश यादव का जनपद आगमन को लेकर प्रशासन काफी हलकान रहा।