तो क्या कलाम शाह की बढ़ती लोकप्रियता लालाजी वर्मा पर पड़ सकती है भारी

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अम्बेडकरनगर: आगामी 25 मई को 55 लोकसभा सीट के लिए मतदान होना है जिसके लिए भाजपा, सपा-कांग्रेस गठबंधन व बसपा ने अपने प्रत्याशियों के एलान कर दिया है और सभी प्रत्याशियों को क्षेत्र में लगतार प्रचार प्रसार करते देखा जा रहा है।


भारतीय जनता पार्टी से जहां वर्तमान सांसद रितेश पांडेय चुनाव मैदान में हैं वहीं सपा से कटेहरी विधायक लाल जी वर्मा चुनाव लड़ रहे हैं जबकि बसपा ने कलाम शाह पर दांव लगा कर मुस्लिम मतदाताओं को अपनी तरफ रिझाने का काम किया है।
समाजवादी पार्टी जहां मुस्लिम मतदाताओं को अपना मूल वोट बैंक में रही है वहीं बसपा द्वारा इस बार मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में उतार कर दलित मुस्लिम गठजोड़ के सहारे कलाम शाह की नैया पार कराने की जुगत में है। इस बार चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं का रुख अगर कलाम शाह को तरफ मुड़ गया तो सपा प्रत्याशी लालाजी वर्मा के लिए बड़ी मुश्किलें पैदा कर सकता है। कलाम शाह का दावा है कि बसपा का मूल दलित मत अपनी जगह बड़ी मज़बूती से खड़ा है तथा मुस्लिम समाज में भी उनकी लोकप्रियता काफी तेजी से बढ़ रही है तथ मुस्लिम समाज भी उन्हें बड़ी मज़बूती के साथ समर्थन कर रहा है। सपा प्रत्याशी लाल जी वर्मा का दावा है कि मुस्लिम समाज सपा मुखिया अखिलेश यादव की तरफ उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है और पूरी तरह से सपा के साथ है। भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रितेश पांडेय भी सर्वसमाज का मत पाने का लगातार दावा कर रहे हैं।
बहरहाल बसपा प्रत्याशी कलाम शाह का दावा माने तो उनकी बढ़ती लोकप्रियता सपा प्रत्याशी लालाजी वर्मा पर भारी पड़ सकती है जिसकी लोकसभा क्षेत्र में खूब चर्चाएं भी हो रही है।

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