अम्बेडकरनगर (मान्यता प्राप्त पत्रकार आलम खान की रिपोर्ट) विकास खंड कार्यालय में प्रशासनिक लापरवाही का जीता जागता नमूना देखने को मिल रहा है। ब्लॉक परिसर में लगी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की पट्टिका से एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का नाम गायब कर दिया गया तथा उनके वंशजों द्वारा उच्च अधिकारियों से पट्टिका में पुनः नाम चढ़वाने के लिए गोहार लगाओ गई लेकिन कई माह बीत जाने के बाद भी सिर्फ कागजों में घोड़ा दौड़ाने का काम किया जा रहा है।
आपको बताते चलेंकि टाण्डा ब्लॉक परिसर के मध्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को सम्मान देने के उद्देश्य से उनके नामों की एक पट्टिका लगाई गई थी जिसमें कुल 20 सेनानियों में 08वें नंबर पर अय्यूब बेग अलनपुर का नाम अंकित था लेकिन पट्टिका टूट जाने के बाद ब्लाक प्रशासन द्वारा नई पट्टिका स्थापित की गई जिसमें फ्रीडम फाइटर अय्यूब बेग का नाम गायब कर दिया गया। श्री बेग के वंशज द्वारा उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज कराते हुए पट्टिका के 08वें नम्बर पर अय्यूब बेग का नाम पुनः अंकित कराने की गोहार लगाई लेकिन गत 09 माह से सिर्फ कागजों पर हो घोड़ा दौड़ाने का काम किया जाता रहा है जिससे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के वंशजों में ही नहीं बल्कि आसपास के क्षेत्र वासियों में भी आक्रोश चल रहा है।
सोमवार को अलनपुर ग्राम सचिव के नेतृत्व में प्राथमिक विद्यालय पर बैठक कर सर्वसम्मति से ब्लॉक परिसर में लगी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पट्टिका पर अय्यूब बेग का नाम पुनः अंकित करने का प्रस्ताव भी पास किया गया।
श्री अय्यूब के वंशज अफ़रोज़ आलम बेग ने बताया कि टाण्डा ब्लाक की पट्टिका में अय्यूब बेग का नाम पुनः अंकित कराने के लिए लगातार उच्च अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन सिर्फ कागजी खानापूरी कर उन्हें आश्वासन दिया जा रहा है जबकि अय्यूब बेग के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी होने का सबूत भी पेश किया जा चुका है।
बहरहाल टाण्डा ब्लॉक में लगी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के सम्मान की पट्टिका से एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का नाम गायब कर सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के अपमान किया जा रहा है और उक्त बड़ी प्रशसनिक लापरवाही को शिकायत के बाद भी नहीं सुधारा जा रहा है जिससे स्वतन्त्रता सनग्राम सेनानी अय्यूब बेग के वंशजों व आसपास के ग्रामीण क्षेत्र वासियों में आक्रोश व्याप्त है।
प्रशसनिक लापरवाही की भेंट चढ़ गए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी – आक्रोश
