अम्बेडकरनगर: जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में फसल अवशेष (पराली) प्रबंध हेतु जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक की गई। इस दौरान जिलाधिकारी ने फसलों के अवशेष जलाए जाने से उत्पन्न हो रहे प्रदूषण की रोकथाम हेतु प्रत्येक गांव के ग्राम प्रधान एवं क्षेत्रीय लेखपाल को किसी भी दशा में अपने संबंधित क्षेत्र में पराली (कृषि अपशिष्ट) जलाने की घटना को रोके जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कृषकों को पराली जलाने से मिट्टी जलवायु एवं मानव स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान से अवगत कराने के साथ-साथ पराली जलाने पर उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम की धारा 24 एवं 26 के अंतर्गत खेत में फसल अवशेष जलाया जाना एक दंडनीय अपराध है। अधिनियम के मद्देनजर यदि कोई किसान खेत में फसल अवशेष जलाते हुए पाए तो उनके विरुद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि यदि किसान जनपद में संचालित गौ आश्रय स्थलों पर पराली देते हैं तो उन्हें इसके बदले में गोबर की खाद दिया जाएगा। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि फसल कटाई के दौरान प्रयोग की जाने वाली कंबाइन हार्वेस्टर के साथ सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम अथवा स्ट्रा रीपर अथवा स्ट्रा रेक एवं बेलर का प्रयोग किया जाना अनिवार्य है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जनपद में फसल अवशेष/कूड़ा जलाने की एक भी घटना न होने पाए। उक्त बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी घनश्याम मीणा, अपर जिलाधिकारी डॉक्टर पंकज कुमार वर्मा, समस्त उपजिलाधिकारी, बीडीओ, उपनिदेशक कृषि, पशु चिकित्साधिकारी, भूमि संरक्षण अधिकारी एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।