अम्बेडकरनगर: उत्तर प्रदेश बुनकर सभा के आह्वान पर शुरू हुई बुनकरों की हड़ताल के तीसरे दिन बुनकर नेताओं ने उप जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी मांगों को रखा है। उत्तर प्रदेश बुनकर सभा के अध्यक्ष हाजी इफ्तेखार अहमद अंसारी ने बताया कि गत वर्ष 4 दिसंबर को प्रदेश सरकार द्वारा जारी शासनादेश के बुनकर समाज के समक्ष काफी मुश्किलें पैदा होगी और विद्युत विभाग पुनः बुनकर समाज का मीटर रीडिंग के नाम पर उत्पीड़न शुरू करेगा इसलिए इस शासनादेश को तत्काल वापस लिया जाए तथा 14 जून 2006 को तत्कालीन प्रदेश सरकार द्वारा जारी शासनादेश को यथासम्भव संशोधित कर लागू किया जाए। उक्त अवसर पर बुनकर नेता शकील अहमद अंसारी में कहा कि कृषि के बाद कपड़ा उद्योग सबसे बड़ा रोजगार मुहैय्या कराने वाला कार्य है और किसानों की ही तरह बुनकर समाज भी काफी मेहनतकश है लेकिन फ्लैट रेट पर दी जाए वाली विद्युत व्यवस्था को समाप्त करने के कारण लाखों करोड़ों बुनकर भुखमरी की कगार ओर पहुंच जाएंगे। श्री अंसारी ने बताया कि औद्योगिक बुनकर नगरी टाण्डा व जनपद के सभी बुनकर बाहुल्य स्थानों सहित पूरे प्रदेश में एक सप्ताह तक पॉवर लूमों के चक्कों को जाम कर सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रखा जा रहा है। टाण्डा उप जिलाधिकारी अभिषेक पाठक को दिया गया ज्ञापन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सम्बोधित था तथा उक्त ज्ञापन के माध्यम से स्पष्ट रूप से मांग की गई कि दिसंबर 2019 में जारी शासनादेश को समाप्त कर बुनकरों को फ्लैट रेट पर बिजली मुहैय्या कराई जाए जिससे विद्युत विभाग के उत्पीड़न से गरीब बुनकरों को निजात मिल सके।
आपको बताते चलेंकि कि 2006 से पहले बुनकरों को मीटर रीडिंग के अनुसार बिजली सप्लाई होती थी लेकिन विद्युत विभाग द्वारा मीटर रीडिंग के नाम पर बुनकरों का काफी उत्पीड़न होता था जिसको लेकर बुनकर नेताओं ने काफी लंबी लड़ाई लड़ी जिसके नतीजे में 14 जून 2006 को तत्कालीन समाजवादी पार्टी की प्रदेश सरकार ने बुनकरों को बड़ी राहत देते हुए प्रति हॉर्सपावर रेट फिक्स कर दिया था लेकिन समय के अनुसार उक्त शासनादेश में बदलाव नहीं किया गया और काफी लोगों द्वारा बुनकर कनेक्शन के नाम पर दूसरे बड़े कारोबार भी शुरू किये गए जिसके कारण सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ने लगा। प्रदेश सरकार ने बुनकरों को पुनः मीटर रीडिंग के अनुसार बिजली सप्लाई कराने के साथ उन्हें सब्सिडी देने का शासनादेश जारी किया जिससे बुनकर सामज 2006 से पहले वाले माहौल से भयभीत नज़र आने लगे और बुनकर समाज एक जुट होकर फ्लैट रेट पर बिजली मुहैय्या कराने की मांग करने लगे हालांकि बुनकर नेताओं ने फ्लैट रेट में वृद्धि करने पर सहमति भी जताई है।
बहरहाल फ्लैट रेट व्यवस्था समाप्त होने से आक्रोशित बुनकरों का विरोध दिसम्बर 2019 से ही जारी है जिसके तहत उत्तर प्रदेश बुनकर सभा ने 1 जुलाई से 7 जुलाई तक पावर लूमों के चक्कों को जाम कर हड़ताल शुरू करा दिया है।