बलिया (अखिलेश सैनी) वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिये सरकार द्वारा लागू द्वितीय चरण के लाक डाउन के दौरान माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षकों को हो रही परेशानियों पर माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के प्रदेश महासचिव डॉ कृष्णमोहन यादव ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पोर्टल पर पत्र प्रेषित कर वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षकों की अति दयनीय हालत का हवाला देते हुए सरकार से विशेष आर्थिक सहायता पैकेज प्रदान करने की मांग की है। इस सम्बंध में उन्होंने बताया है कि पत्र के द्वारा कहा गया है एक तरफ जिस प्रकार से सरकार मानवीय संवेदना के तहत मनरेगा मजदूरों, दिव्यांग जनों, महिलाओं या कई प्रकार से लोगो को लाभ पहुंचा रही है। उसी प्रकार से 87 प्रतिशत माध्यमिक शिक्षा का कार्य सम्पादन करने वाले अति कम वेतन या परिश्रम पर काम करने वाले वित्तविहीन शिक्षकों को भी सहानिभूति पूर्वक विशेष आर्थिक सहायता पैकेज राशि अवमुक्त करे ताकि ये शिक्षक भी भुखमरी के गाल में सामने से बच जायें।उन्होंने सरकार से समाज के भविष्य को सवांरने वाले शिक्षकों की पीड़ा बताते हुए कहा है कि चुकी ये विद्यालय अत्यन्त सुदूर ग्रामीण इलाकों में अवस्थित होते हैं इस लिए इनमें शिक्षार्थियों द्वारा समय से फीस नहीं दिया जाता। जिसकी प्रतिपूर्ति प्रबन्धक तंत्र किसी तरह मार्च अप्रैल माह में नए एडमिशन से करके या वार्षिक परीक्षा के पूर्व बकाया शुल्क वसूली कर शिक्षकों को किसी तरह से वेतन दे पाते हैं। किंतु इस बार बोर्ड परीक्षा के बाद से लाक डाउन के चलते विद्यालय बन्द चल रहे हैं। इसलिए प्रबन्धक शिक्षकों को वेतन भी नहीं दे पाए हैं।जिसके कारण उनके सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। ऐसी विकट स्थिति को देखते हुए उन्होंने मानवीय आधार पर सरकार से वास्तविकता का आंकलन करा कर शिक्षकों के लिए विशेष राहत आर्थिक पैकेज देने के जायज मांग पर अमल कर लेना चाहिये।डॉ श्री यादव ने कहा कि जो फीस जमा हुआ उससे प्रबन्धक बोर्ड परीक्षा के लिए सीसी टीवी कैमरा, वाइएस डीवाईएस आदि तैयारियों पर व्यय कर चुके हैं। ऐसी स्थिति को रेखांकित करते हुए उन्होंने सरकार द्वारा जबरन प्रबंधकों पर दबाव बनाने की बजाय मानवीय आधार पर शिक्षालयों व शिक्षकों के प्रति उदार भाव रखते हुए उनकी आर्थिक सहायता पर विचार करने की मार्मिक अपील की है।