बलिया (अखिलेश सैनी) रसड़ा कोरोना महामारी के चलते घोषित लाक डाउन के 40 दिन के लम्बे अन्तराल के बाद शासन प्रशासन के द्वारा शराब की दुकान खोले जाने की खबर मदिरा प्रेमियों के लिए लाटरी खुलने से कम प्रतीत नहीं हो रही है। जी हां सोमवार को सुबह से ही देसी, अंग्रेजी आदि मदिरा की दुकानों पर दुकान खुलने के इंतजार में बैठे रहे। जैसे घड़ी की सुई में 10 बजायी शराब की दुकानों के खुलते ही लम्बी लाइन लगा दी। इस दौरान दुकानों के बाहर जमकर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गई। मदिरा प्रेमी खरीददारी कर घरों तक जाते रहे। इस दौरान सेल्समैनों के भी पसीने छूट गये। वहीं कई स्थानों पर शराब के धंधे से जुड़े लोग महंगे दामों में अपने बोतलों को बेंच मालामाल हुए ढेकेदार लाइनों में खड़े लोगों को देख उनके पसीने छूटते रहे। बताते चलें कि लाक डाउन ने बीहड़ से बीहड़ मदिरा प्रेमियों को घरों में ही सिमटे रहने पर विवश कर दिया था। क्योंकि सरकार ने अचानक शराब की दुकानों को भी लाक डाउन के तहत बंद कर दिया था। इसका पुरजोर फायदा शराब के धंधे से जुड़े लोगों ने खूब उठाया। ऐसे में जब तीन मई को ही पता चला कि शराब की दुकानें खुलेंगी। शराब के शौकीनों ने पूरी तैयारी कर ली। और सुबह होते ही सारी तरकीबों को अपना कर अपने प्रिय शराब को खरीदने में कामयाब रहे। हालांकि तमाम दुकानों पर भारी भीड़ उमड़ने से सारे नियम कानून ताख पर रख दिये गये। जिसके चलते बिचौलिये मूल्य से अधिक मूल्य लेकर हेरा फेरी करते नजर आये। वही कई जगह सेल्समैनों को भारी मशक्कत के सामना करना पड़ा। अब कोरोना महामारी में ये दुकान सरकार के राजस्व को बढ़ाने में कितने कामयाब होंगे ये तो नहीं मालूम किन्तु इतना तो तय है यदि कि इन मदिरा प्रेमियों की भीड़ में एक भी संक्रमित निकल गया। तो शासन प्रशासन को कितना महंगा साबित होगा। इसका अंदाजा भी लगाना मुश्किल होगा।