अम्बेडकरनगर: विश्व प्रसिद्ध दरगाह किछौछा भी विश्व स्तरीय महामारी के संक्रमण से बचने के लिए पूर्ण लॉक डाउन में है लेकिन दरगाह में फंसे हज़ारों जायरीनों के सामने पेट की आग बुझाने की बड़ी समस्या एक चुनौती बन कर रह गया है क्योंकि दो दिनों से भोजन वितरित कर रही आधा दर्जन से अधिक संस्थाओं ने अपना किचन बन्द कर दिया है जबकि नगर पंचायत द्वारा काफी दूर बनाये गए किचन के कारण जायरीन पुलिस की डर के कारण वहां नहीं जा रहे हैं और ऐसे में मात्र स्प्रिचुअल फाउंडेशन ( Spiritual Foundation) द्वारा ही भोजन वितरित हो रहा है। स्पिरिचुअल फाउंडेशन लॉक डाउन के प्रथम दिन से ही 15 सौ लोगों के भोजन का निःशुल्क इन्तेज़ाम दरगाह के जामिया सूफिया में संचालित शालीमार रेस्टोरेंट के संचालक नदीम के नेतृत्व में करा रहे हैं जबकि प्रथम दिन से जायरीनों में रसद व भोजन पैकेट वितरण कर रहे ऑल इंडिया बज़्मे अशरफ, मखदूम अशरफ इंतेजामिया कमेटी, पयामे हक कमेटी, पीरजादगाने इंतेजामिया कमेटी, डॉक्टर एसएम अली मेमोटियाल एजुकेशन एन्ड वेलफेयर ट्रस्ट, एआईएमआईएम टीम, हाजी असलम आदि ने दरगाह परिक्षेत्र को कई जॉन में विभाजित कर अलग-अलग भागों की ज़िम्मेदारी उठाते हुए डोर-टू-डोर भोजन वितरित कर रहे थे लेकिन एक समाचार पत्र में प्रकाशित सामुदायिक रसाईया की खबर व नगर पंचायत द्वारा डोर-टू-डोर भोजन वितरित करने के लिए जारी नंबर के बाद उक्त आधा दर्जन से अधिक संस्थाओं ने भोजन वितरण का कार्य बंद कर दिया और ऐसी दशा में मात्र स्पिरिचुअल फाउंडेशन द्वारा वितरित की जा रही 15 सौ भोजन की पैकेट जायरीनों में पूरी नहीं पड़ रही है जिससे उनके सामने बड़ी समस्या पैदा हो गई है हालांकि नगर पंचायत ईओ राजमणि वर्मा का दावा है कि पानी की टंकी में कम्युनिटी किचन चलाई जा रही है जहां लगभग 250 लोग भोजन करते हैं और आवश्यकता पड़ने पर डोर-टू-डोर भेजने की व्यवस्था भी है। ऑल इंडिया बज़्मे अशरफ के अध्यक्ष सैय्यद हैदर शादाब ने नगर पंचायत द्वारा चलाये जा रहे सामुदायिक किचन पर सवाल उठाते हुए कहा कि जायरीनों के रहने के स्थान से काफी दूर पर किचन बनाया गया है और गैर जनपदों व प्रान्तों से फंसे जायरीन जब भोजन लेने जाते हैं तो कई स्थानों पर पुलिस का डंडा खाना पड़ता है जिससे जायरीन दरगाह परिक्षेत्र से बाहर नहीं निकल रहे है। श्री हैदर स्थानीय प्रशासन से मांग किया है कि जहां दरगाह परिक्षेत्र में ही एक कम्युनिटी किचन अविलम्ब शुरू किया जाए जिससे दूर दराज से आये जायरीनों को भूखा ना रहना पड़े।
बहरहाल आधा दर्जन से अधिक संस्थाओं द्वारा पांच हजार से अधिक भोजन पैकेट का लगातार वितरण हो रहा था जिसके बन्द होने के बाद नगर पंचायत द्वारा लगभग 250 व स्पिरिचुअल फाउंडेशन के 1500 पैकेट से सभी जायरीनों का पेर नहीं भरा जा सकता है इसलिए स्थानीय प्रशासन को अविलंब कोई हल निकालना चाहिए जिसकी मांगे भी स्थानीय लोग उठा रहे हैं।
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