अम्बेडकरनगर: टाण्डा बस स्टेशन में डेढ़ दर्जन लोग कैम्प किए हुए हैं जिसमें दो साधन लोग साधन ना मिलने के कारण आज़मगढ़ से लखनऊ की तरफ पैदल जाने वालों में से हैं जबकि तीन बस स्टेशन का स्टाफ है व 13 अन्य लोग निर्माणधीन कार्यशाला के मिस्त्री व मज़दूर हैं। और सभी के पास सबसे बड़ी समस्या पेट भरने की हैं क्योंकि उनके पास चूल्हा तो है लेकिन पकाएंगे क्या——
शुक्रवार की सुबह टाण्डा जुबैर चौराहा पर मौजूद ट्राफिक कंसएबल मुरारी व पीआरडी जवान रफीक ने पैदल जा रहे दो लोगों से रोकर पूंछतांछ किया तो पता चला कि सुरेश पुत्र शारदा कुमार व बलिराम पुत्र हरिश्चंद्र मूल रूप से उन्नाव के रहने वाले हैं और आज़मगढ़ से पैदल ही टाण्डा होते हुए लखनऊ जा रहे थे। जानकाफी मिलते ही ट्रैफिक सिपाही व पीआरडी जवान में तत्काल उच्च अधिकारियों को सूचित किया तो मात्र चंद मिनट में ही सीओ अमर बहादुर उप जिलाधिकारी अभिषेक पाठक के साथ पहुंच गए। पूंछतांछ में के दौरान पता चला कि दोनों भूखे भी हैं तो अधिकारियों ने मानवता दिखाते हुए सर्वप्रथम दोनों को राशन दिलाया और उनके ठहरने के लिए टाण्डा बस स्टेशन में व्यवस्था भी की जिसकी सराहना हो रही है। बस स्टेशन के प्रांगण में सगुन कंस्ट्रक्शन द्वारा निर्माणाधीन डिपो कार्यशाला के एक दर्जन से अधिक मिस्त्री मज़दूर जिला लॉक डाउन होने के कारण यहीं पर फंसे हुए हैं जिसमें मिस्त्री राम भवन, लेबर राम सूरत फैज़ाबाद के हैं जबकि मुनीम अखिलेश पाण्डेय सहित सुरेंद्र, आईडिया, प्रेम सहित 11 लोग हरदोई जनपद के हैं जिनके पास खाने का राशन लगभग समय हो चुका है। उन्हीं में से एक मज़दूर ने सूचना न्यूज़ टीम को बताया कि चूल्हा तो है लेकिन क्या पकाएं। मज़दूरों ने बताया कि उन लोगों के पास पैसा समाप्त हो चुका है और आगे भुखमरी के अतिरिक्त कोई रास्ता भी नहीं है। मटेरियल सप्लायर दीपक वर्मा ने बताया कि शगुन कंस्ट्रक्शन के ठेकेदार अरुण तिवारी ने उन्हें जिम्मेदारी दी है और उन लोगों को 23 मार्च को राशन उपलब्ध कराया गया था और उन्हें राशन समाप्ति की सूचना नहीं है लेकिन जल्द राशन पहुंचाया जाएगा।
टाण्डा बस स्टेशन के तीन कर्मचारी भी बस स्टेशन कैम्पस में ही फंसे हुए हैं और तीनों कर्मचारी मरीज़ भी हैं। तीनों कर्मचारियों ने बताया कि उनके वास नगद पैसा व राशन खत्म होने की कगार पर है और उनके घर जाने की कोई व्यवस्था विभाग द्वारा नहीं कराई गई। शिकायत है कि परिवहन विभाग के एक अधिकारी से शिकायत करने और उन्होंने कहा कि अचार रोटी खाकर गुजरा कर लो।
बहरहाल टाण्डा बस स्टेशन में विभिन्न जनपदों के डेढ़ दर्जन लोग मौजूद हैं और उनकर पास पैसा व राशन समाप्ति की तरफ है जिनकी तरफ प्रशासनिक अधिकारियों को ध्यान देने की आवश्यकता है।