बलिया :बलिया के एक प्रतिष्ठित आईसीयू का नजारा जहां तमाम नवजात शिशु जिंदगी और मौत से जूझ रहे है और इन्ही नवजात शिशुओं के जीवन की रक्षा करने वाला डॉक्टर आईसीयू के अंदर रिवाल्वर ताने हुए है। आमतौर पर डॉक्टर को भगवान की संज्ञा दी जाती है बावजूद इसके बलिया के एक प्रतिष्ठित हॉस्पिटल जीवन ज्योति के संचालक एवं डॉक्टर का वीडियो रिवाल्वर के साथ वायरल हुआ है। वायरल वीडियो में नवजात बच्चों के आईसीयू में एक डॉक्टर रिवाल्वर के साथ कुछ लोगों को धमकी दे रहा है। दरअसल यह वीडियो वायरल होने के बाद सनसनी मची हुई है कि एक डॉक्टर नवजात बच्चों के सामने कैसे रिवॉल्वर निकाल सकता है। हालांकि इस मामले में जब जीवन ज्योति हॉस्पिटल के डॉक्टर डी प्रसाद से जब इस वायरल वीडियो के बारे में जानने की कोशिश की गई तो हॉस्पिटल प्रशासन ने मिलने से मना कर दिया और कहा डॉक्टर डी प्रसाद कुछ भी बोलने को तैयार नही। वही स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि ऐसी घटना अमानवीय हैं यदि कोई लिखित तहरीर हमारे पास आती है तो हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर सकते है।
वायरल वीडियो में साफ दिखाई और सुनाई दे रहा है कि किसी बात को लेकर डॉक्टर और कुछ लोगो मे कहा सुनी चल रही है और जिन लोगो के साथ विवाद हुआ है वो डॉक्टर से कह रहे है कि गोली चलानी है तो चला दो पर गुंडा गर्दी मत करो। दरअसल ये वीडियो नवजात शिशुओ के सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है कि आखिर कार डॉक्टर को रिवाल्वर निकालने की जरूरत क्यों पड़ी और सवाल उठता है कि हास्पिटल प्रशासन ने पुलिस को क्यों नही बुलाया और डॉक्टर के हाथों में रिवाल्वर लेकर लहराते वीडियो वायरल होने के बाद डॉक्टर डी प्रसाद मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से क्यों कतरा रहे है।
ऐसे में सवाल उठता है कि आईसीयू के अंदर हुवे विवाद और डॉक्टर द्वारा रिवाल्वर निकालने की घटना अगर बड़ी दुर्घटना में तब्दील हो जाती तो उन नवजात शिशुओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेता। इस मामले पर स्वास्थ्य विभाग से जब मीडिया ने बात किया तो विभाग के प्रभारी डॉक्टर के. डी. प्रसाद का कहना है कि इसकी जानकारी है जो वीडियो आप के द्वारा दिखाया जा रहा है लेकिन अभी तक कोई लिखित तहरीर नही मिला है यदि कोई लिखित में तहरीर देता है तो हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन निरस्त किया जा सकता है। यानी सीधे सीधे तौर पर प्रभारी चिकित्सक अधिकारी की माने तो ऐसे डॉक्टरों पर प्रतिबंध लगाने के लिए किसी के तहरीर का इन्तेजार कर रहे है और साथ मे ये भी कह रहे है कि किसी डॉक्टर का ऐसा कृत्य अमानवीय है।