अम्बेडकरनगर: शनिवार की सुबह अचानक जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में करोड़ों की संख्या में गुजरने वाली टिड्डियों से किसानों के माथों पर पसीना आ गया। जनपद से टिड्डियों के दल के गुजरने के बाद जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कंट्रोल रूम का नंबर जारी किया। कृषि विभाग की शिथिलता से किसानों में काफी आक्रोश व्याप्त है।
जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि टिड्डियों का दो दल जनपद सुल्तानपुर से जनपद अम्बेडकरनगर के विकास खण्ड भीटी के हीडी पकडीया, सेहरा जलालपुर, पटिया, बसन्तपुर आनन्दनगर गाँवो से होते हुए विकास खण्ड कटेहरी के महरूआ गोला, पैजपुर, सबना, प्रतापपुर चमुखा, आदमपुर तिदौली, कुडीया चितौना से और विकास खण्ड अकबरपुर के कसेरूआ, कनक पट्टी, उचेगाँव , मकदूमपुर, लोदीपुर, भगौतीपुर, अरिया आदि ग्रामो एवं विकास खण्ड टाण्डा के सूरापुर, बिहरोजपुर, पैकौलीया, धौरहरा, इनामीपुर, सूलेमपुर, टाण्डा नगर व चिन्तौरा से होते हुए कलवारी के रास्ते जनपद बस्ती में प्रवेश किया। जनपद के ग्राम प्रधानों के माध्यम से कृषकों के सहयोग से ढोल नगाडे बजाकर, थाली बजाकर, पटाखे जलाकर, धुआँ करके खाली टीन के डिब्बे, कनस्तर बजाकर टिड्डियों को भगाया गया। कृषि विभाग के उप कृषि निदेशक, जिला कृषि रक्षा अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी गन्ना विभाग के जिला गन्ना अधिकारी एवं समस्त कर्मचारी, राजस्व विभाग के उप जिलाधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी द्वारा ग्रामों का निरीक्षण करने का दावा किया गया और साथ ही कृषि विभाग के समस्त प्राविधिक सहायक, गन्ना विभाग के समस्त कर्मचारी, राजस्व विभाग के कर्मचारी, चीनी मिल के कर्मचारीयो द्वारा अपने – अपने क्षेत्र में मौजूद रह कर किसानो के द्वैचा, गन्ना एवं धान की नर्सरी की फसल को नुकसान होने से बचाया गया। भविष्य में टिडियो सम्भावित हमले के दृष्टिगत किसानो को सचेत किया जाता है कि पुनः टिडियों के आक्रमण होने पर जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र के पत्रांक 10 दिनांक 28 मई 2020 द्वारा जारी की गयी एडवाइजरी के अनुसार अपनी फसल को बचने के उपाय बताए गए।
जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉक्टर राजमंगल चौधरी ने बताया कि टिड्डी दल के प्रकोप की सूचना ग्राम प्रधान, लेखपाल, कृषि विभाग के प्राविधिक सहायक एवं ग्राम पंचायत अधिकारी मे माध्यम से जिला प्रशासन तक तत्काल पहुंचायें।टिड्डी दल प्रायः दिन डूबने के समय किसी न किसी पेड / पौधा पर दिन निकलने तक आश्रय लेती है। टिड्डी दल के आकमण की दशा में एक साथ इकट्ठा हो कर ढोल नगाडो, टीन के डिब्बो, थालियो अदि को बजाते हुए शोर मचाया जाय ताकि टिड्डी दल को उस स्थान से भगाया जा सके।बलुई मिट्टी मे टिडडे के प्रजनन एवं अण्डे देने हेतु सर्वाधिक अनुकूल होता है अतः टिड्डी दल के आक्रमण के समाय ऐसी मिट्टी वाले क्षेत्रो को जुताई करवा दे एवं जल भराव करा दे ऐसी दशा में टिड्डी के विकास की सम्भावना कम हो जाती है। टिड्डी दल के आकमण की दशा में ट्रैक्टर माउन्टेड स्प्रेयर, पावर स्प्रेयर नगर निकायों के छिडकाव यन्त्रो अग्निशमन विभाग की गाडियो से सस्तुत कृषि रक्षा रसायनो – मैलाथियान 96 ई.सी., क्लोरोपाइरीफास 50 ई.सी, क्लोरोपाइरीफास 20 ई.सी, लैम्डासाईहैलोथ्रिन 5 ई.सी, तथा फिप्रोनिल 5 प्रतिशत एस.सी को रात्रि से सूयोदय तक गहन छिडकाव करें, ताकि टिड्डी दल को उसके प्रवास के ठिकानो पर ही नियत्रित व समाप्त किया जा सके। टिड्डी दल के आक्रमण की दशा में जनपदीय कन्ट्रोल रूम – 05271-244578 जनपद स्तर पर उप कृषि निदेशक अम्बेडकरनगर मोबाइल नम्बर 9452037347, जिला कृषि अधिकारी मोबाइल नंबर 9453734860 एवं जिला कृषि रक्षा अधिकारी मोबाइल नंबर 9721377088 पर भी सूचित कर सकते है।
बहरहाल शनिवार की सुबह टिड्डियों का दो दल जिला से गुजर जाने के बाद जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने प्रेस नोट जारी कर टिड्डियों से बचाव का तरीका बताते हुए कंट्रोल रूम का नंबर जारी किया जबकि जिलाधिकारी द्वारा 28 मई को ही टिड्डियों के आक्रमण की संभावना व्यक्त की गई थी लेकिन कृषि विभाग शिथिलता बरते हुए था जिससे किसानों में काफी आक्रोश है।