बलिया (अखिलेश सैनी) कोरोना के बढ़ते प्रकोप को लगाम लगाने के लिए सम्पूर्ण लॉकडाउन घोषित किया गया है। प्रथम चरण के 21 दिन बीतने के बाद दूसरे चरण के लॉकडाउन का भी लगभग एक सप्ताह होने को है। ऐसे में पिछले लगभग चार सप्ताह से सभी व्यवसाय ठप हैं।
कामगारों का जहां काम बंद है वहीं व्यापारी व व्यवसाई भी वर्तमान की पीड़ा और अंधकारमय भविष्य को लेकर चितित हैं। हालांकि सरकार ने विभिन्न शहरों को रेड, येलो व ग्रीन जोन में बांट कर कुछ कारोबार को 20 अप्रैल यानी सोमवार से चालू करने का संकेत दिया है। साथ ही कुछ क्षेत्रों में ऑनलाइन व्यापार को शुरु करने का भी विधान है। इससे शहर के व्यवसाई काफी चितित हैं। संयुक्त व्यापार संघर्ष समिति रसड़ा अध्यक्ष सुरेश चन्द जी ने लॉकडाउन के कारण पैदा हुई समस्याओं को साझा किया। निसंदेह ये समस्याएं जटिल व विचारणीय हैं। व्यापारियों ने सरकार द्वारा ऑनलाइन व्यापार शुरू करने को दोषपूर्ण बताया। कहा कि इससे व्यवसायी काफी हताश हैं। एक तरफ सरकार संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन घोषित की है। वहीं दूसरी ओर ऑनलाइन व्यापार को शुरू करना विदेशी कंपनियों को लाभ पहुंचाने वाला वाली नीति है। हम इसका विरोध करते हैं। या तो व्यापार की अनुमति सबको मिले अन्यथा लॉकडाउन ही रखा जाए। सरकार की दोहरी नीति समझ से परे है। मुसीबत की घड़ी में व्यापारी याद आते हैं और जब छूट या मदद की बात हो तो व्यापारियों को किनारे कर दिया जाता है। सरकार का ऑनलाइन व्यवसाय शुरु करने का निर्णय निदंनीय है। छूट मिले तो सबको अन्यथा किसी को नहीं मिलनी चाहिए। हम इसका विरोध करते हैं।
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