बलिया। बांसडीहरोड क्षेत्र के सलेमपुर गांव में विगत आठ फरवरी को संदिग्ध हाल में जली महिला की शुक्रवार की देर शाम वाराणसी में इलाज के दौरान मौत हो गई। महिला का शव आने के बाद गांव में हंगामे जैसा माहौल रहा। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए रात में ही कोतवाली, हल्दी, सुखपुरा, बांसडीहरोड समेत चार थानों की फोर्स पूरी रात गांव में डटी रही। इस दौरान मौके पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों की भीड़ भी जमा रही। आठ फरवरी की देर शाम ऊषा देवी (32 वर्ष) पत्नी दिनेश यादव अपने घर में कुछ विवाद के बाद आग की लपटों में जलतीं पाई गईं थीं।
शोर मचने पर आस-पास के लोगों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से उसे गंभीर हालत में वाराणसी रेफर कर दिया गया था। घटना के बाद पुलिस भी चुपचाप तहरीर के इंतजार में बैठ गई थी। महिला की मौत के बाद पुलिस ने आननफानन में मृतक के पति से तहरीर लेकर गांव के प्रधान समेत छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। इसके बाद से ही मामले को लेकर सरगर्मी बढ़ने लगी। शुक्रवार को इसे लेकर मृतका के पिता बालेश्वर यादव ने भी कमिश्नर को पत्र देकर अपनी बेटी को जलाकर मार देने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की। इसके बाद उषा के शव के उसके घर आने की खबर सुनकर पुलिस भी मुस्तैदी से मामले के निस्तारण में जुट गई थी।
पुलिस को अंदेशा था कि मामले में परिजनों व ग्रामीणों द्वारा कुछ हंगामे की रूपरेखा बनाई जा सकती है। इसलिए पुलिस अपने स्तर से मृतका के शव के अंतिम संस्कार को लेकर डटी हुई थी। सुबह होने के साथ ही पुलिस का अंदेशा भी सही होने लगा जब परिजन शव के अंतिम संस्कार को कुछ देर रोकने का प्रयास करते हुए मामले में कारवाई की मांग करने लगे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें भरसक आश्वासन दिया कि घटना के किसी भी दोषी को छोड़ा नही जाएगा लेकिन परिजन सीधे तौर पर कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। इसे लेकर घंटों जिच चलती रही। काफी देर बाद गांव व क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिकों की पहल व प्रयास के बाद मृतका के परिजन शव के अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए। इस दौरान काफी देर तक मौके पर भीड़ व हंगामे के माहौल बना रहा।