WhatsApp Icon

हर्सोउल्लास के साथ मनाया गया देश के प्रथम शिक्षा मंत्री का जन्मोत्सव

Sharing Is Caring:

अम्बेडकरनगर: राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद नई दिल्ली के तत्वाधान में भारत के फ्रीडम फाइटर, शिक्षा शास्त्री और देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन के अवसर पर शिक्षा क्षेत्र रामनगर के मदरसा हकीकुन्निसा सुल्तानपुर कबीरपुर में शाहआलम खान की अध्यक्षता व अखलाक अहमद के संचालन में शिक्षा दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में सितारे उर्दू एवार्ड से सम्मानित मोहम्मद शफी नेशनल इंटर कॉलेज हंसवर के शिक्षक मोहम्मद असलम खान ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने भारत की आज़ादी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह प्रसिद्ध लेखक कवि और पत्रकार भी थे। शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। अबुल कलाम आजाद ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना की। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन के निर्माण में पूरा सहयोग दिया। उनकी रचनाओं में गुबारे खातिर लोकप्रिय थी। ब्रिटिश शासन की आलोचना हमेशा करते थे और भारत के लिए स्वयं शासन की हिमायत में कई रचनाओं को प्रकाशित किया। उनकी पुस्तक का नाम इंडिया विश फ्रीडम 1957 में प्रकाशित हुई। खिलाफत आंदोलन के दौरान नेता के रूप में गांधीजी के बेहद करीबी रहे। 1940 में वे कांग्रेस के अध्यक्ष बने। भारत छोड़ो आंदोलन में वे शामिल थे। 1952 में लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए, हमें उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। प्रबंधक जमाल अख्तर खान ने कहा कि मौलाना आजाद ने शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य किए।उनके सम्मान में पूरे देश में कई संस्थान उनके नाम पर स्थापित किए गए। जिसमें नई दिल्ली में मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, भोपाल में मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान और हैदराबाद में मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, दिल्ली में मौलाना आजाद सेंटर फॉर एलिमेंटरी एंड सोशल एजुकेशन शामिल है ।प्रधानाचार्य शाह आलम खान ने कहा कि मौलाना आजाद देश के विभाजन और पाकिस्तान के निर्माण का विरोध करने वाले वे सबसे प्रमुख मुस्लिम नेता थे।अबुल कलाम आजाद ताउम्र प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के सबसे करीबी, विश्वासपात्र, समर्थक और सलाहकार बने रहे। मौलाना अबुल कलाम आजाद साल 1947 से 1958 तक पंडित जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में शिक्षा मंत्री रहे। 22 फरवरी, 1958 को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। इस अवसर पर प्रदीप कुमार हरिओम कंचन लता युशरा खातून, माधुरी आदि लोग उपस्थित थे।

अन्य खबर

पूर्वांचल के ऐतिहासिक मेला गोविंद साहब में प्रसाद के नाम पर बिक रहा है ज़हर

पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष ने वृद्धाश्रम में कम्बल वितरित कर मनाया पुत्र आदित्य पटेल का जन्मदिन

बिना शासनादेश बदल गया सरकारी आयुर्वेदिक अस्पताल का नाम, आरटीआई में खुलासा, जांच की मांग तेज़

error: Content is protected !!

We use cookies for analytics and advertising. By continuing to use this site, you consent to our use of cookies.