अम्बेडकरनगर: दो सगी नाबालिग बहनों के साथ कुदरत ने कुछ ऐसा खेल खेला कि दोनों बहनों ने स्वयं को बालगृह में भेजने की गोहार लगाना शुरू कर दिया है।
मामला मालीपुर थाना क्षेत्र के धमरूवा ग्राम सभा के पास स्थित बाबा भूत नाथ मन्दिर के बगल का है। जहाँ एक परिवार जिसमें पिता सुशील सोनी पत्नी सहित तीन बेटियां के साथ एक दिव्यांग बेटा रह रहा था। पिता सुशील सोनी के गलत आदतों से परेशान पत्नी बीते सात माह पहले चारों बच्चो को छोड़कर कहीं चली गई। पत्नी की चले जाने से पति सुशील की आदतें और खराब हो गई जो नशे का आदी हो गया। परिवार के देखरेख न होने से तीनों बच्चियों के पढ़ाई कक्षा 05 तक ही हो पाई। इसी बीच पिता सुशील सोनी बीते अगस्त में काफी बीमार हो गया जिसे भाई राजकुमार सोनी ने जिला अस्पताल भर्ती कराया जो 17 अगस्त को बीमारी के हालात में मौत हो गई। पिता के मौत के बाद दिव्यांग बेटा भी बीमारी के हालात में मौत हो गई। पिता और दिव्यांग भाई के मृत्यु के बाद तीन बेटियां अनुष्का 17 वर्ष करिश्मा 14 वर्ष तान्या 11 वर्ष की ऊपर गृहस्थी की संपूर्ण जिम्मेदारी आ गई। इतना ही नहीं पिता की मौत के बाद बड़ी बेटी अनुष्का भी बीमार रहने लगी, जिसे चाचा राजकुमार (जो खुद दो वक्त की रोटी के लिए इधर-उधर भटक रहा है) ने मेडिकल कॉलेज भर्ती कराया गया लेकिन ईश्वर का क़हर यहां भी रुका और बीते सितंबर में उसकी भी इलाज के दौरान मौत हो गई। बड़ी बेटी अनुष्का की मृत्यु के बाद चाचा राजकुमार सोनी ने अंतिम संस्कार कर नाबालिक अनाथ भतीजी करिश्मा व तान्या को जीवन यापन के लिए अपने घर ले आया लेकिन नाबालिक बच्चिया चाचा के हालात को देखते हुए घर न रहकर अनाथालय में रहने की बात कहने लगी। बच्चियों की जिद से परेशान चाचा राजकुमार ने डायल 112 पर कॉल कर मदद की गुहार लगाते हुए स्वयं को बालगृह भेजने की अपील किया है।