अम्बेडकरनगर (रिपोर्ट:आलम खान एडिटर/सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त पत्रकार) विश्व प्रसिद्ध सूफी सुल्तान हज़रत मौलाना सैय्यद शाह मखदूम अशरफ जहांगीर सिमनानी की दरगाह किछौछा में स्थित प्रसिद्ध खानकाह अशरफिया हसनिया सरकारे कला में उर्से मखदूमी के 637वें कार्यक्रमों व रस्मों का बुधवार को तबरुकात की जियारत व रूहानी दुआ कराई गई।
खानकाहे अशरफिया हसनिया सरकारे कला दरगाह किछौछा शरीफ में हुजूर कायदे मिल्लत हज़रत अल्लामा मौलाना सैय्यद महमूद अशरफ अशरफी जिलानी (सज्जादानशीन आस्ताने आलिया अशरफिया हसनिया सरकारे कला किछौछा शरीफ) की सरपरस्ती में 637वां वार्षिक उर्स हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया।
सज्जदानशीन आस्ताने आलिया अशरफिया हसनिया सरकारे कला द्वारा 28 मोहर्रम बुधवार की शाम में विशेष रूहानी दुआ ख्वानी कराई गई जिसमें देश के कोने कोने से आए जायरीनों ने दुआएं व मन्नतें मांगी। बदन के रोंगटे खड़ा कर देने वाली उक्त दुआ ख्वानी में देश विदेश से आये लाखों जायरीन शामिल हुए और मखदूम पाक की दरगाह में रोते हुए मन्नतें व मुरादें मांगी।
बताते चलेंकि 27 मोहर्रम मंगलवार को किछौछा शरीफ से मुये मुबारक का जूलूस ख़ानक़ाह सरकारे कला पहुंचा जहां मुये मुबारक व कदमे रसूल की जियारत कराई गई तथा 28 मोहर्रम बुधवार को किछौछा शरीफ से जुलूस लिबास-ए-गौसिया पालकी पर ख़ानक़ाह सरकारे कला (जामे अशरफ) पहुंचा जहां सज्जादानशीन कि निगरानी में लिबास-ए-गौसिया व अन्य बहुमूल्य तबरुकात की जियारत कराई गई।
उक्त मौके पर मुख्य रूप से सैय्यद जलालुद्दीन अशरफ, सैय्यद गौस अशरफ, अशरफे मिल्लत सैय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी, सैय्यद आरफ़ अशरफ, सैय्यद मकसूद अशरफ अरशद मियां, सैय्यद असलम अशरफ, सैय्यद हसन अशरफ, सैय्यद इसरार अशरफ आदि मौजूद रहे।
बताते चलेंकि ख़ानक़ाह अशरफिया हसनिया सरकारे कला दरगाह किछौछा में 26 मोहर्रम की शाम को परचम कुशाई व अशरफी तराना के साथ उर्स का शुभारंभ हुआ था और फिर मस्जिदे आला हजरत अशरफी मियां में हल्का-ए-ज़िक्र का आयोजन सम्पन्न किया गया।