अम्बेडकरनगर: सामाजिक कार्यकर्ता सैय्यद आबिद हुसैन उर्फ बजरंगी भाई जान के अथक प्रयास के बाद रविवार को 42वें दिन टाण्डा के सुप्रसिद्ध महादेवा घाट पर मुन्ना लाल पाल के शव का अंतिम संस्कार किया गया।
आपको बताते चलेंकि बेल परसा (मसड़ा) गाँव निवासी मुन्ना लाल पाल पुत्र राम सहाय पाल तीन वर्ष से सऊदी अरब में काम करते थे जिनकी गत 30 अगस्त को सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। मुन्ना लाल का शव पैतृक गांव लाने के लिए परिजन काफी प्रयास कर रहे थे लेकिन अत्याधिक दूरी व कोरोना कॉल के कारण उन्हें सफलता नहीं मिल पा रही थी जिसके बाद मृतक के भाई प्रमोद ने सामाजिक कार्यकर्ता व रियाल लाइफ के बजरंगी भाईजान सैय्यद आबिद हुसैन से गोहार लगाई जिसको चैलेंज के रूप में स्वीकार करते हुए श्री आबिद ने एक पखवाड़े तक दिन रात एक कार दिया एयर फलस्वरूप उनके अथक प्रयास से 10 अक्टूबर को स्वर्गीय मुन्ना लाल पाल का शव भारत पहुंच गया। रविवार को मुन्ना लाल का शव उनके पैतृक गाँव पहुंचा जिनका अंतुम संस्कार रविवार को ही सुप्रसिद्ध महादेव घाट पर किया गया। मृतक के भाई प्रमोद व परिजनों बजरंगी भाई जान का आभार प्रकट करते हुए कहा की अगर आबिद भाई ना होते तो शव को देश लाना इतना जल्दी संभव नहीं होता। सैय्यद आबिद हुसैन ने सऊदी स्थित जद्दा काउंसलेट के अधिकारी डॉक्टर एम.डी अलीम अली, फैसल व भारतीय राजदूत डॉक्टर औसाफ़ सहित भारत के विदेश मंत्री का दिल से धनयवाद ज्ञापित किया है।
बजरंग भाईजान के प्रयास से 42वें दिन हुआ मुन्ना लाल का अंतिम संस्कार
