बलिया (अखिलेश सैनी) प्रेम या शादी के बाद एक साथ मरने जीने की कसम खाने की बाते तो केवल कही सुनी जाती हैं। किंतु रसड़ा क्षेत्र के मुंडेरा गांव के राजभर बस्ती में बुधवार को रात्रि में जो हुआ उसने पति पत्नी के पवित्र व अटूट प्रेम की मिसाल कायम करके रख दिया है। जहां पति की पहले हुई मौत के कुछ ही क्षण बाद पत्नी की भी स्वाभाविक मौत हो गयी। दोनों शवों का अंतिम संस्कार एक ही साथ गुरुवार को बाक्सर गंगा तट पर किया गया। हालांकि दोनों दंपत्ति काफी वृद्ध थे। इन्होंने अपने पीछे भरा पूरा परिवार भी छोड़ गये है। बावजूद इसके उनकी साथ साथ मौत ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। बताते चलें कि गांव के राजभर बस्ती निवासी पशुपति राजभर(90) का बुधवार को रात्रि में आकस्मिक निधन हो गया। यह खबर जैसे ही उनकी पत्नी बादामी देवी को मिली वैसे ही उनकी भी कुछ देर के बाद मृत्यु हो है। क्योंकि वे इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पायी। इनके निधन की सूचना फैलते ही गांव के लोग शोक संवेदना व्यक्त करने उनके घर पहुंचने लगे। जो जहां था वहीं से यही कह रहा था कि यह संयोग ही है कि पति पत्नी एक साथ परलोक को सिधार गये। ऐसा माना जाता है कि भौतिक संसार मे विरले ही ऐसा सुसंयोग होता है।