जैसे रात को 9 बजा लोग अपने अपने घर के छत और दरवाजे पर दिए, मोमबत्ती, और टार्च जलाते ये लोग उस वक्त मानवता के लिए समर्पित कर दिया
बलिया (नवल जी) इस देश की एक खासियत है यहाँ हर जंग त्योहार की तरह मनाई जाती है। सायद यही कारण है कि जंग जमीन पर हो या आकाश में या हो फिजाओं में, जंग से पहले और जंग के बाद हम त्योहार ही मनाते है तभी तो हम भारतीय हमेशा जीत कर आते है। कितना अद्भुत है कि इस बड़े प्रकोप का सामना भी हम सभी त्योहार मना रहे है। वो अदृश्य राक्षस परेशान और हैरान है कि मै इन्हें मारने आया हूं और ये हिंदुस्तानी खुशियां मना रहे है। इसी लिए पूरे विश्व मे भारत एक ऐसा देश है जहाँ आतंकी कोरोना हताश और निराश है। यकीन मानिए इस देश का विश्वास, उसकी ताकत और करोड़ों मायूस लोगो के बीच ये खुशी और उनकी सहनशीलता एक दिन कोरोना को कमजोर कर देगी और हम जीत जाएंगे। दिए के सामने सड़क किनारे बैठी एक बुजुर्ग महिला कोरोना को हराना चाहती है तो वही सड़क किनारे दिए और मोमबत्ती के सामने बैठे कुछ मासूम जिनके चेहरे मुस्कान सी बिखरी है जिन्हें ये तक नही पता कि कोरोना है क्या, बस पता है तो इतना कि आज फिर मेरे लिए दीवाली है। सर तकिए पर, बदन बिस्तर पर सोने का वक्त हुआ पर अपने घर के छत और दरवाजे पर दिए, मोमबत्ती, और टार्च जलाते ये लोग उस वक्त को मानवता के लिए समर्पित कर दिया और बता दिया हम डर से कभी नही डरते, जिसका इतिहास गवाह है। बस एक ही बात याद रखा कि कोरोना के इस लड़ाई में प्रधानमंत्री ने कुछ मांगा है वो 9 मिनट की रोशनी दे दो जिसे माँ भारती ने मांगा है। एक बार फिर एकता संग शक्ति का प्रदर्शन किया और इस घनघोर विपदा को लोगो ने 9 मिनट देकर कोरोना के खिलाफ लड़ रहे योद्धाओं को शक्ति और भरोषा दिया। प्रधानमंत्री मोदी के अपील को सर आंखों पर बैठा लिया। यकीन मानिए, कोरोना के बढ़ते हर एक कदम पर हम त्योहार मनाएंगे और हम सभी मिल कर उसे हराएंगे।