पॉवर लूम से बिजली का फ्लैट रेट हटा कर मीटर रीडिंग योजना लागू किए जाने से नाराज़ बुनकरों ने 21 दिसम्बर को एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल कर फैसला लिया है तथा आंदोलन को धार देने के लिए 35 सदस्यीय संचालन समिति बनाने एवं मुख्यमंत्री से भेंट करने की भी सहमति बनाई गई है।
प्रदेश मुख्यालय लखनऊ के गांधी भवन में मंगलवार को उत्तर प्रदेश बुनकर सभा के अध्यक्ष हाजी इफ्तेखार अंसारी की अध्यक्षता व जिला संतकबीर नगर के बुनकर नेता हाजी इमामुद्दीन के संचालन में उत्तर प्रदेश के सभी बुनकर प्रतिनिधियों की विशेष बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में पॉवर लूमों पर फ्लैट रेट बिजली व्यवस्था को समाप्त कर मीटर रीडिंग योजना लागू करने के खिलाफ आरपार की लड़ाई लड़ने तथा आंदोलन को धार देने पर चर्चा हुआ। बैठक में सर्वसहमति से निर्णय हुआ कि पूरे प्रदेश के बुनकर बाहुल्य क्षेत्रों में आगमी 21 दिसम्बर को एक दिवसीय पावर लूमों के चक्के जाम कर जिलाधिकारियों व उप जिलाधिकारियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा। उक्त आंदोलन को धार देने के लिए उत्तर प्रदेश बुनकर सभा के अध्यक्ष हाजी इफ्तेखार अंसारी को ज़िम्मेदारी दी गई है कि बुनकर प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए प्रदेश स्तरीय 35 सदस्यीय संचालन समिति बनाए जो पूरे आंदोलन का संचालन करेगी।
बैठक को मुख्य रूप से हाजी रईसुद्दीन मेरठ, मदनलाल मेरठ, तफज्जुल हुसैन बाराबंकी, एनुल मुजफ्फर मोहम्मदाबाद मऊ, अकील अहमद वाराणसी , मो. इदरीस वाराणसी, हाजी अज़ीजुल हई गोरखपुर, बुन्दूखां अन्सारी मेरठ, हाजी इकबाल बिजनौर, अब्दुल समाल गोरखपुर, मो.नदीम जलालपुर, शकील अहमद अन्सारी टाण्डा, इसहाक अन्सारी अमरडोभा, मो. इलियास खलीलाबाद, हाजी मो. शोएब मऊ आईमा, फारूख अन्सारी मऊ आईमा आदि ने सम्बोधित किया तथ उक्त अवसर पर सैकड़ों बुनकर प्रतिनिधि उपस्थित भी मौजूद रहे। आपको बताते चलेंकि बुनकर समाज लघु उद्योग के रूप में पॉवर लूमों के माध्यम से कपड़ों को तैयार कर अपना जीवन यापन करते हैं।
2006 में प्रदेश सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने बुनकरों के लघु उद्योग को तबाह व बर्बाद होने से बचाने के लिए पॉवर लूमों पर फ्लैट रेट बिजली देने शासनादेश जारी किया था जिसके अनुसार बुनकरों को प्रति हॉर्स पॉवर 130 रुपये प्रति माह की दर से भुगतान करना होता था तथा लाइट आदि के लिए बुनकरों को 10 प्रतिशत अतरिक्त चार्ज देना होता था जिसके अनुसार बुनकरों को 143 रुपया प्रति हॉर्स पॉवर प्रति माह के हिसाब से बिजली की बिलों का भुगतान देना होता है हालांकि एक हॉर्सपावर से दो पावर लूम भी चलाया जाता है। प्रदेश सरकार ने गत 4 दिसम्बर को एक शासनादेश जारी कर आगामी 01 जनवरी 2020 से बुनकरों को दी जाने वाली फ्लैट रेट बिजली व्यवस्था को समाप्त करने का शासनादेश जारी कर दिया तथा नए नियम के अनुसार बुनकरों को मीटर रीडिंग योजना के तहत बिलों का भुगतान करना होगा।
प्रदेश सरकार ने शासनादेश में स्पष्ट किया कि छोटे बुनकरों को बिजली बिलों में सब्सिटी दी जाएगी जिसके अनुसार पाँच हार्सपावर तक के बुनकर को ही सब्सिटी का लाभ मिल सकेगा। जानकारी के अनुसार बुनकरों को प्रत्येक माहीन एक हार्सपावर पर अधिकतम 240 यूनिट बिजली प्रयोग करने पर ही 3.50 रुपिया प्रति यूनिट के हिसाब से छूट दी जाएगी जबकि 240 यूनिट से आदिम बिजली खर्च करने पर सब्सिटी का कोई लाभ नहीं मिलेगा। बुनकर प्रतिनिधियों का आरोप है कि विद्युत विभाग द्वारा बुनकरों का उत्पीड़न व शोषण समाप्त करने के लिए ही फ्लैट रेट व्यवस्था शुरू हुई थी लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा फ्लैट रेट समाप करने के बाद बिजलो विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा पुनः गरीब बुनकरों का उत्पीड़न शुरू हो जायेगा तथा लघु उद्योग बुरी तरह लड़खड़ा कर तबाह व बर्बाद हो जाएगा और बुनकर समाज भुखमरी की कगार पर पहुंच कर आत्महत्या तक करने पर मजबूर हो जाएगा। मौजूदा प्रदेश सरकार से बुनकरों ने मांग किया है कि 2006 के शासनादेश को यथावत जारी रखा जाए तथा आवश्यक हो तो फ्लैट रेट की मुनासिब कीमत को बढ़ा दिया जाए तथा प्रदेश सरकार लघु उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बुनकरों की सब्सिडी को बढ़ा दी जिससे समाज का एक बड़ा तबका लाभांवित हो सके।
आपको पुनः याद दिलाते चलेंकि 2006 के शासनादेश से पहले बुनकरों द्वारा मीटर रीडिंग योजना के तहत बिजली बिलों का भुगतान किया जाता था लेकिन मीटर रीडिंग चेकिंग व ओवर लोड चेकिंग आदि के नाम पर बुनकरों का बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा काफी शोषण व उत्पीड़न होता था और इसी सोशन व उत्पीड़न को समाप्त करने के लिए पूरे प्रदेश के बुनकरों ने प्रदेश सरकार से काफी लंबी लड़ाई लड़ी थी जिसके बाद प्रदेश सरकार ने 2006 में शासनादेश जारी कर बुनकरों को राहत देते गए फ्लैट रेट पर बिजली देना शुरू किया था। बुनकरों के हित मे काम कर रही केंद्र सरकार का हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग समय समय पर बुनकरों के हित के लिए काफी कार्य करता है तथा उक्त विभाग द्वरा भी सरकार से सिफारिश की गई थी कि किसानों की तरह कपड़ा व्यवसाय से जुटे गरीब बुनकरों को बिजली बिलों में सब्सिडी देने से पॉवर लूम लघु उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
बहरहाल प्रदेश सरकार फ्लैट रेट समाप्त कर मीटर रीडिंग व्यवस्था लागू करने का एलान कर दिया है जिसका बुनकर प्रतिनिधि खुल कर विरोध कर रहे हैं तथा आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए बड़े स्तर पर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। मंगलवार को लखनऊ के गांधी भवन में हुई बुनकर प्रतिनिधियों की प्रदेश स्तरीय बैठक में आगामी 21 दिसम्बर दिन शनिवार को समस्त बुनकर बाहुल्य क्षेत्रों में पॉवर लूमों को बंद कर सांकेतिक हड़ताल करने तथा स्थानीय प्रशासन के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर 2006 के शासनादेश को यथावत रखने की मांग की जाएगी। उक्त जानकारी उत्तर प्रदेश बुनकर सभा के अध्यक्ष हाजी इफ्तेखार अंसारी ने देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री से भेंट करने का प्रयास किया जा रहा है तथा साथ ही साथ प्रदेश स्तरीय 35 सदस्यीय आंदोलन संचालन समिति की भी तैयारी हो रही है। श्री अंसारी ने स्पष्ट किया कि बुनकरों के हित के लिए आर पार की लड़ाई लड़ी जाएगी और सभी आंदोलन प्रदेश स्तरीय बनने वाली 35 सदस्यीय समिति तय करेगी।