नई दिल्ली : विश्व स्तरीय महामारी कोरोना संक्रमण के दूसरे चक्र के मध्य उत्तर प्रदेश सरकार ने एस्मा कानून लागू कर दिया है जिसके बाद आगामी 06 माह तक किसी भी सरकारी विभाग के कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकते हैं और हड़ताल करने पर स्थानीय पुलिस तत्काल बिना वारंट के गिरफ्तार भी कर सकती है।
वैश्विक महामारी के दूसरे चक्र के दौरान चिकित्सकों, एम्बुलेंस चालकों आदि के हड़ताल पर जाने की सुगबुगाहट ने प्रदेश सरकार को एस्मा कानून लगाने पर मजबूर कर दिया है।
उत्तर प्रदेश में अब कोई भी सरकारी कर्मचारी अगले 6 महीने तक हड़ताल पर नहीं जा सकते हैं या फिर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों के एक वर्ग द्वारा की जा रही हड़ताल के मद्देनजर लोकहित में अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) लागू कर दिया है।
उत्तर प्रदेश में अब कोई भी सरकारी कर्मचारी अगले 6 महीने तक हड़ताल पर नहीं जा सकते हैं या फिर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य में आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम यानी एस्मा (Essential Services Maintenance Act) लागू करते हुए सभी विभागों और निगमों में हड़ताल पर अगले छह महीने तक के लिये पाबंदी लगा दी है। मुख्य सचिव अनूप चंद्र पाण्डेय ने सोमवार रात इस सिलसिले में अधिसूचना जारी किया है।
आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) हड़ताल को रोकने हेतु एस्मा लगाया जाता है. एस्मा लागू करने से पूर्व इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को किसी समाचार पत्र या अन्य माध्यम से सूचित किया जाता है. एस्मा का नियम अधिकतम 6 माह के लिए लगाया जा सकता है. एस्मा लागू होने के बाद अगर कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध एवं दण्डनीय है. एस्मा लागू होने के उपरान्त इस आदेश से सम्बन्धि किसी भी कर्मचारी को बिना किसी वारन्ट के गिरफतार किया जा सकता है और जेल भी हो सकती है. बता दें कि एस्मा के तहत डाक सेवाओं, रेलवे, हवाई अड्डों समेत विभिन्न आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारी की शामिल किए जाते हैं।
एस्मा कानून संसद द्वारा पारित अधिनियम है, जिसे 1968 में लागू किया गया था। हड़ताल को रोकने के लिए यह कानून लगाया जाता है। एस्मा लागू करने से पहले इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को समाचार पत्र या अन्य माध्यमों से सूचित किया जाता है। यह कानून अधिकतम छह माह के लिए लगाया जा सकता है।
योगी सरकार के इस फैसले के पीछे ऐसा बताया जा रहा है कि कई सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर जाने वाले थे, जिससे राज्य की सरकारी व्यवस्था पर असर पड़ सकता था. कई प्रदर्शनकारी पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग कर रहे हैं. लोकसभा चुनावों के साथ-साथ राज्य में बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए योगी सरकार ने एस्मा लगाया है.
2018 में भी लगा था एस्मा
जनवरी 2018 में यूपी के बिजली कर्मचारियों पर भी एस्मा लगाया गया था. राज्य सरकार ने जनहित में 6 माह की अवधि के लिए विद्युत विभाग के अधीन समस्त सेवाओं में हड़ताल करना निषिद्ध कर दिया था।
जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में एस्मा लागू किया जा सकता है। एस्मा भले ही केंद्रीय कानून है, लेकिन इसे लागू करने की स्वतंत्रता ज्यादातर राज्य सरकारों पर निर्भर है।