डाका तो नहीं डाला, चोरी तो नहीं की है, हास्य व्यंग्य के मशहूर शायर व गीतकार अकबर इलाहाबादी की 103 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर टांडा स्थित पुंथर में हुआ कार्यक्रम
दोस्ती जब किसी से की जाए, दुश्मनों की भी राय ली जाए—
अम्बेडकरनगर: ताना-बाना फाउंडेशन टांडा के तत्वावधान में हास्य व्यंग्य के मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी की 103 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर टांडा पुंथर स्थित टेस्टी वर्ल्ड में डॉ.दस्तगीर टांडवी की अध्यक्षता व बशर नवाज़ टांडवी के संचालन में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सितारे उर्दू अवार्ड से सम्मानित मोहम्मद शफी नेशनल इंटर कॉलेज हंसवर के शिक्षक मोहम्मद असलम खान को डॉ.दस्तगीर टांडवी व शहनवाज बजमी ने अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ अहमद सईद के नाते पाक से हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि शिक्षक असलम खान ने कहा कि अकबर इलाहाबादी समाज सुधारक एवं क्रांतिकारी शायर थे। जिनके अल्फाजों और लेखन ने उर्दू साहित्य में हास्य-व्यंग्य की विधा को नया आयाम दिया। किसी बड़े व्यंग्य शायर की एक ख़ूबी ये भी होती है कि वो दूसरों पर ही नहीं, खुद अपने पर भी हँसना जानता है।डॉ.दस्तगीर अंसारी ने कहा कि अकबर इलाहाबादी की शायरी और ग़ज़लों ने उर्दू भाषा के साहित्य में अपनी अमिट पहचान बनाने के साथ-साथ, सामाजिक और राजनीतिक चेतना जगाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शाहनवाज बजमी एडवोकेट ने कहा कि अकबर इलाहाबादी ने अपनी पहली ही ग़ज़ल से अपने पढ़ने-सुनने वालों को अपना दीवाना बना लिया था।अमजद शकील टांडा ने अकबर इलाहाबादी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनका शेर पढ़ा कि हंगामा है क्यूँ बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है,डाका तो नहीं डाला, चोरी तो नहीं की है।गयास अहमद ने भी उनका शेर पढ़ा कि दोस्ती जब किसी से की जाए,दुश्मनों की भी राय ली जाए। इसके अलावा अहमद सईद टांडवी, डॉ.दस्तगीर टांडवी ने अपने-अपने कलाम से अकबर इलाहाबादी को श्रद्धांजलि अर्पित की। संयोजक जुल्फिकार अहमद ने आए हुए लोगों के प्रति आभार प्रकट किया इस मौके पर सलमान खान,इम्तियाज अहमद, ओसामा, खेसारी यादव, मो. आरिफ, महेंद्र यादव, इस्लामुद्दीन व अन्य मौजूद रहे।