अम्बेडकरनगर: नाबालिग बालिका से सामूहिक दुराचार की पीड़िता की माता द्वारा थाना पर दी गई तहरीर को बदलवा कर मुकदमा दर्ज कर दिया गया तथा आरोपियों पर ना तो कोई ठोस कार्यवाही की जा रही है और ना ही पीड़ित पक्ष को उस सम्बन्ध में कुछ बताया जा रहा है और पीड़िता का मेडिकल कराने के लिए लगातार दौड़ाया जा रहा है जिससे आक्रोशित पीड़िता के परिजनों ने पुलिस अधीक्षक से न्याय की गोहार लगाई है।
मामला जैतपुर थाना क्षेत्र का है जबकि आरोपी पड़ोसी जनपद सुल्तानपुर के हैं लेकिन आरोपियों के परिवार में एक जिलाधिकारी तो एक एडिशनल एसपी की पोस्ट पर है जिसके कारण स्थानीय पुलिस आरोपियों पर मेहरबान नज़र आ रही है।
उक्त आरोप पीड़िता की माता ने लगाते हुए बताया कि आरोपी विशाल यादव पुत्र विजय बहादुर यादव निवासी पसियापारा दोस्तपुर सुल्तानपुर व आशुतोष गोस्वामी पुत्र देवेंद्र गोस्वामी निवासी लोकनाथपुर बालचन्द पट्टी सुल्तानपुर तथा एक अन्य अज्ञात द्वारा उनकी 14 वर्षीय नाबालिग बालिका को बहला फुसला कर ले गए और उसके साथ गलत कार्य किया। पीड़ित परिवार का आरोप है कि जब जैतपुर पुलिस को आरोपियों के खिलाफ तहरीर दी गई तो तहरीर को बदलवा दिया गया और आरोपियों के रिश्तेदारों के दबाव में बिना पॉस्को एक्ट के ही मुकदमा दर्ज किया गया तथा आरोपियों पर कोई ठोस कार्यवाही भी नहीं कि जा रही है और ना ही पीड़ित पक्ष को कुछ बताया ही जा रहा है तथा नाबालिग बालिका का मेडिकल कराने में भी हीलाहवाली की जा रही है। पीड़िता की माता ने पुलिस कप्तान आलोक प्रियदर्शी को शिकायत पत्र देते हुए बताया कि आरोपी आशुतोष गोस्वामी के परिवार के ही प्रयागराज में जिलाधिकारी व परिवार के एक सदस्य लखनऊ में एडिशनल एसपी हैं जिनके दबाव में स्थानीय पुलिस ठोस कार्यवाही नहीं कर रही है। आरोप है कि सुलह समझौता करने का दबाव पड़ रहा है और धमकी मिल रही है कि सुलह नहीं किया तो उनके परिवार को जान से मारने डालेंगे।
जैतपुर थनाध्यक्ष ने बताया कि उक्त प्रकरण में अपराध संख्या 43/22 पर आईपीसी की धारा 363 व 366 के तहत मुकदमा दर्ज किया है और पीड़िता का बयान कलम बन्द करने के साथ मेडिकल कराया जा चुका है तथा 164 के बयान भी कराया जा रहा है। पास्को एक्ट के सम्बंध में उन्होंने बताया कि न्यायालय में बयान व मेडिकल रिपोर्ट के बाद नियमानुसार पास्को की धारा बढ़ाई जाएगी।
बहरहाल आरोपियों का सम्बंध प्रदेश में कार्यरत एक जिलाधिकारी व एक एडिशनल एसपी से होने के कारण पीड़ित पक्ष काफी दहशत में है और न्याय के लिए दरबदर भटक रहा है। अब देखना ये होगा कि क्या रसूखदार मनबढ़ आरोपियों के सामने पीड़िता को न्याय मिल पाता है या नहीं।