49 कार्यों की फरवरी माह में निकली थी निविदा – 30 व 60 दिन में निर्माण कार्य करना था पूरा
अम्बेडकरनगर: टांडा नगर पालिका परिषद में अध्यक्ष ईओ व सभासदों की आपसी खींचातानी में ठेकेदार बहु मस्त हैं और खामियाज़ा स्थानीय नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। दर्जनों निर्माण कार्यों में अनुबन्धन की समय सीमा पार हो चुकी है लेकिन अभी तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है जिससे नगर वासियों के जीवन नारकीय बन चुका है।
नगर पालिका प्रशासन टांडा द्वारा 13 फरवरी को नगर क्षेत्र की सड़कों, गलियों व नालियों से सम्बंधित 49 स्थानों पर टेंडर आमंत्रित किया गया था जिसमें 43 कार्यों की समय सीमा जहां 60 दिन तय हुई थी वहीं 06 कार्यों की समय सीमा मात्र 30 दिन ही निर्धारित थी। उक्त कार्यों का टेंडर 23 फरवरी 2024 को ओपन हुआ था और कुछ कार्यों को छोड़ अधिकांश कार्यों का सम्बन्धित संस्थाओं (ठेकेदारों) के साथ नगर पालिका प्रशासन ने अनुबन्धन भी किया था। कई कार्यों पर लोकसभा की आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले निर्माण कार्य शुरू करने का दावा भी किया गया लेकिन लोकसभा आदर्श आचार संहिता समाप्त होने के बाद भी अधिकांश निर्माण कार्य ठप हैं अथवा दो मज़दूरों के सहारे काम चालू है।
सम्बन्धित कुछ ठेकेदारों ने बताया कि टांडा नगर पालिका बोर्ड द्वारा वित्तीय वर्ष का बजट पास नहीं किया गया है जिससे उन्हें आशंका है कि निर्माण कार्य पूरा करने के बाद जल्दी भुगतान नहीं हो सकेगा। नगर पालिका प्रशासन का दावा है कि अमृत योजना-2 के तहत नगरीय क्षेत्र में पानी की पाइप बिछाई जा रही है जिसके कारण निर्माण कार्य रुका हुआ है।
नगर पालिका के प्रभारी अवर अभियंता भी अनुबन्धन की समय सीमा भूल चुके हैं हालांकि कुछ ठेकेदारों को नोटिस भेज कर अपनी ज़िम्मेदारी से पीछा छुड़ाने जैसा है जबकि नियमानुसार अनुबन्धन के निर्धारित समय से कार्य पूर्ण न होने पर चेतावनी नोटिस व जुर्माना लगाने का प्रावधान है और एक निश्चित तिथि तक पुनः कार्य पूरा न होने पर कार्यदायी संस्था/ठेकेदार को काली सूची में डालने की भी व्यवस्था है। नगर क्षेत्र में चर्चा है कि कमीशन की बंदरबांट में हर कोई आंख मूंद कर बैठा हुआ है और अनुबन्धन की समय सीमा पूर्ण होने के बावजूद नगर पालिका के अधिकारी ठेकेदारों पर मेहरबान बने हुए हैं।
आपको बताते चलेंकि अमृत योजना-2 के तहत टांडा नगर क्षेत्र में करोड़ों की लागत से नई पानी की पाइप बिछाई जा रही है और उक्त कार्यदायी संस्था की ज़िम्मेदारी है कि कार्य पूर्ण करने पर सड़क/गली को पूर्व की तरह सही कर के नगर पालिका को अवगत कराना होगा।
बहरहाल फरवर माह के 49 निर्माण कार्यों को ग्रहण लग चुका है। कोई अमृत योजना का बहाना बना रहे हैं तो कोई बजट पास ना होने का रोना रो रहा है लेकिन इन सब के बीच आम जनता पिसती हुई नजर आ रही है तथा अनुबमधन समय समाप्त होने के बाद भी नगर पालिका ठेकेदारों पर मेहरबान बनी नज़र आ रही है।