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पूर्ण आस्था के साथ माता रानी को दी गई विदाई – टाण्डा नगर में विसर्जन कल

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अम्बेडकरनगर (सूचना न्यूज़ कार्यालय) जनपद के विभिन्न थानाक्षेत्रों में भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पूर्ण आस्था के साथ प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को पालन कराने में जुटे अधिकारियों को आंशिक सफलता मिली। औद्योगिक नगरी टाण्डा में शनिवार को प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। दी शाम में दो पक्षों के बेड़च मारपीट होने से फूलपुर में तनाव पैदा हो गया जिसे देखते हुए अतरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। समाचार लिखे जाने तक लगभग 900 प्रतिमाओ का विसर्जन किया जा चुका है।

शारदीय नवरात्र के महापर्व पर जगत जननी माता रानी का विभिन्न रूपों में दर्शन प्राप्त करने के उद्देश्य से भव्य पंडाल सजाया गया था। नवरात्र के समाप्ति पर प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए काफी हर्षोउल्लास के साथ घाटों तक ले जाया गया। माता रानी की विदाई में गाँव की महिलाओं ने भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।
प्रतियामों को सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार सकुशल विसर्जन कराने के लिए भारी सुरक्षा व्यबस्था लगाई गई थी। टाण्डा कोतवाली क्षेत्र के महादेवा व काली घाट मुबारकपुर में प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ। समितियों व प्रशासन केके बीच सामंजस ना बैठ पाने के कारण धूमधाम से जयकारों के साथ विसर्जन शोभा यात्रा निकाली गई।

टाण्डा कोतवाली क्षेत्र में स्थित अतिप्रसिद्ध महादेवा घाट पर टाण्डा उप जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक पाठक, अतरिक्त मजिस्ट्रेट कुडाल, पुलिस क्षेत्राधिकारी संतोष कुमार के साथ कानून-गो गुलाब चंद, लेखपाल छोटेलाल सहित पूरे दल बल के साथ जुटे रहे और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार विशाल गड्ढे में पानी भरवा कर प्रतिमाओं का विसर्जन कराया।
महादेव घाट पर समितियों द्वारा पहले गड्ढे में प्रतिमाओं का विसर्जन करने से इनकार किया गया लेकिन जब सीओ संतोष कुमार स्वयं पानी से भरे गड्ढे में वर्दी पहने उतर गए तो उन्हें देखकर एक के बाद एक करते हुए दर्जनों प्रतिमाओं को उक्त गड्ढे में विसर्जित किया गया।

दूसरी तरफ मुबारकपुर के काली घाट पर गड्ढा छोटा होने के कारण उसमें प्रतिमा विसर्जन करने से इन्कार कर दिया गया जिसके बाद आननफानन में जेसीबी मशीन द्वारा गड्ढा को बड़ा करने का प्रयास किया लेकिन समिति के लोग नदी में प्रतिमा विसर्जन करने के लिए अड़े थे जिन्हें काफी देर तक कोतवाली निरीक्षक विजेन्द्र शर्मा समझते बुझाते रहे। चन्द प्रतिमाओं को गड्डो में विसर्जित कराकर कोतवाली निरीक्षक जैसे ही हटे तो मुबारकपुर चौकी इंचार्ज राम उग्र कुशवाहा की मौजूदगी में प्रतिमाओं को घाघरा नदी में प्रवाहित किया गया।

अपर पुलिस अधीक्षक संजय रॉय ने टाण्डा के महादेवा व काली घाट का निरीक्षण किया। कोतवाली क्षेत्र के फूलपुर घाट पर प्रतिमा ले जा रहे युवक से मारपीट करने के कारण गाँव मे तनाव पैदा हो गया। जानकारी के अनुसार राजभर समाज द्वारा प्रतिमा को फूलपुर घाट पर ले जाया जा रहा था और इस दौरान मामूली बात को लेकर गांव के वर्मा समुदाय के एक युवक द्वारा चालक की पिटाई कर दी गई जिससे माहौल गर्म हो गया हालांकि समझा बुझा कर प्रतिमा का विसर्जन करा दिया गया लेकिन गाँव मे तनाव की स्थित को देखते हुए फोर्स बढा दी गई है। टाण्डा नगर क्षेत्र के राजघाट पर शनिवार को प्रतिमाओं का विसर्जन होगा। नगर पालिका द्वारा राजघाट पर भी विशाल गड्ढा खोद कर वाणी भरवाया गया है जहाँ प्रशासन द्वारा प्रतिमाओं का विसर्जन कराया जाना है हालांकि कई समितियों ने महासमिति से स्पष्ट कहा दिया है कि वो गड्डों में विसर्जन नहीं करेंगे जिसके बाद महासमिति असमंजस की स्थिति में आ गई है।

बहरहाल जनपद के विभिन्न थानाक्षेत्रों में जगतजननी माता रानी की प्रतिमाओं का विसर्जन नवरात्र की समाप्ति पर किया गया। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश का पालन कराने में पूरा प्रशासनिक व पुलिस अमला जुटा रहा और काफी हद तक सफलता भी मिली लेकिन अंत में चन्द समितियों की ज़िद के कारण घाघरा नदी में ही प्रतिमाओं को विसर्जित कराया गया। टाण्डा में विसर्जन शनिवार को होगा जिसको सकुशल सम्पन्न कराने के लिए प्रशासन काफी एलर्ट है।

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