हमने मुस्लिम स्कूलों में अपनी बच्चियों को भेजा था कनीज़े फ़ातिमा बनाने के लिए लेकिन आपने तो रक्कासा बना दिया, माफी मांगे और अल्लाह से तौबा करें : कारी जमाल अशरफ
अम्बेडकरनगर: टाण्डा नगर में संचालित एक मुस्लिम महिला स्कूल में फेयरवेल पार्टी के दौरान स्टेज पर छात्राओं के डांस की वीडियो वायरल होने पर भड़के कारी जमाल अशरफ ने स्कूल प्रबंधन समिति को जमकर लताड़ लगाई और कहा कि हमने मुस्लिम स्कूलों में अपनी बच्चियों को भेजा था कनीज़े फ़ातिमा बनाने के लिए लेकिन आपने तो रक्कासा बना दिया, माफी मांगे और अल्लाह से तौबा करें।
टाण्डा नगर क्षेत्र के मोहल्लाह सकरावल में बज़्मे फ़ैजाने हक्कानी द्वारा रविवार को आयोजित पाँचवा जश्ने ख़्वाजा गरीब नवाज़ जलसा-ए-ईद मिलादुन्नबी का भव्य कार्यक्रम सूफी सुल्तान सैय्यद मखदूम अशरफ सिमनानी के वंशज मौलाना सैय्यद अनीस अशरफ की सरपरस्ती में सम्पन्न हुआ जिसकी अध्यक्षता हाफिज मो.हामिद अंसारी ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मो.सईद नूरी सुल्तानपुरी व विशिष्ट अतिथि शाहज़ादे अनीस मौलाना सैय्यद अजेर्ज़ अशरफ व उर्दू सितारे वार्ड से सम्मानित शिक्षक मो.असलम खान मौजूद रहे।
उक्त अवसर पर कारी जमाल अशरफ ने कहा कि टाण्डा में पैगम्बर मोहम्मद सल्ल. के जन्म दिन बारह रबीउल अव्वल पर निकलने वाले जुलूस में काफी बदनज़मी होती है जिसको प्रोत्साहन के द्वारा सही किया जा सकता है इसलिए उनके द्वारा बाअदब चलने वाली अंजुमनों को सम्मानित भी किया जाता है और यदि कड़ी में बिना डीजे के बाअदब चलने वाली मरकज़ अंजुमन सहित 30 अंजुमनों को सम्मनित किया गया एवं एसएससी सीजीएल परीक्षा पास करने वाले मो. अर्सलान व अब्दुर्रहीम को सम्मानित किया गया। पत्रकारिता के क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन करने वाले सूचना न्यूज़ टीम को भी सम्मानित किया गया।
उक्त मौके पर शायर एहसान शाकिर आज़मगढ़, हेलाल टाण्डवी, अली रज़ा फ़ैज़ी, कफील अशरफ टाण्डवी, मुदस्सिर रज़ा, अज़ीम कामिल, दानिश सुल्तानपुरी, शमसाद अली मंजरी आदि ने शानदार कलाम पेश किया। मौलाना शरीफुलहक सुब्हानी के संचालन में आयोजित हुए कार्यक्रम के अंत में मास्टर मेराज़ अंसारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
बहरहाल बज़्मे फैजाने हक्कानी के पांचवे कार्यक्रम में जहां 12 रबीउल अव्वल पर बाअदब चलने वाली अंजुमनों सहित शिक्षा व पत्रकारिता में शानदार प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित किया गया वहीं मुस्लिम समाज की भटक रही दिशा को सही करने पर भी के ज़ोर दिया गया। विशेष रूप से बच्चियों की शिक्षा पर ज़ोर दिया गया और मुस्लिम स्कूलों में इंग्लिश मीडियम स्कूलों की तरह स्टेज पर डांस गाने कराने पर नाराज़गी प्रकट की गई जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।